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महात्मा फुले की जयन्ती पर विचार गोष्ठी हुई

ग्वालियर, 11 अप्रैल (हि.स.)। शहर के सामाजिक संगठनों द्वारा रविवार को महात्मा ज्योतिबा राव फुले की जयंती मनाई गई। संगठनों ने गोल पहाडिय़ा तिराहे पहुंचकर महात्मा ज्योतिबा राव फुले की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इसी तरह सावित्री बाई फुले सोशल फाउंडेशन ने अनुपम नगर कार्यालय पर स्थित महात्मा फुले की तस्वीर पर माल्यार्पण किया। साथ ही विचार गोष्ठी आयोजित की, जिसमें वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किए। संस्था अध्यक्ष ऊषा मौर्य ने कहा कि महिलाओं को पुरुषों के समान शिक्षा दी जाए, इसके लिए ज्योतिबा फुले ने देश का पहला महिला शिक्षा स्कूल खोला था। लड़कियों के लिए खोले गए स्कूल में पढ़ाने के लिए जब उन्हें कोई महिला टीचर नहीं मिली तो उन्होंने अपनी पत्नी को पढ़ाया और इस योग्य बनाया ताकि वो दूसरों को शिक्षा दे सकें। महिलाओं के उत्थान में किए गए कामों में कुछ लोगों ने बाधा डाली और उनके पिता पर दबाव बनाकर पत्नी समेत उन्हें घर से बाहर निकलवा दिया। इन सबके बावजूद ज्योतिबा फुले का हौसला डगमगाया नहीं और उन्होंने लड़कियों के तीन-तीन स्कूल खोल दिए। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा महिलाओं के विकास के लिए दी गई कुर्बानियां कभी भुलाई नहीं जा सकती। इस अवसर पर अध्यक्ष ऊषा मौर्य, सचिव डॉ. मिथलेश बघेल, डॉ. इशिता सिंह चौहान, नंदिता चौधरी, रवीना नार्वे, मधु कुशवाह आदि मौजूद रहीं। हिन्दुस्थान समाचार/शरद

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