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सीधी बस हादसाः एमपीआरडीसी के डीएम, एजीएम, मैनेजर और परिवहन अधिकारी को निलंबित करने के निर्देश

- मुख्यमंत्री ने की जान बचाने वाले तीन लोगों को 5-5 लाख का पुरस्कार देने की घोषणा, कहा-दुर्घटना पीड़ितों को हरसंभव सहायता दी जाएगी भोपाल, 18 फरवरी (हि.स.) (अपडेट)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार देर रात सीधी में बस दुर्घटना के संबंध में अधिकारियों की बैठक ली और दुर्घटना के कारणों की जानकारी लेते हुए राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा भी की। उन्होंने बस दुर्घटना के लिये एमपीआरडीसी के डीएम, एजीएम, मैनेजर और परिवहन अधिकारी को निलंबित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने उन तीन व्यक्तियों को 5-5 लाख रुपये का पुरस्कार देने की भी घोषणा की, जिन्होंने अदम्य साहस दिखाकर लोगों की जान बचाई। गौरतलब है कि सीधी में मंगलवार को हुए बस हादसे में अब तक 51 लोगों की मौत हो चुकी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बुधवार दोपहर करीब 2.15 बजे सीधी के रामपुर नैकिन पहुंचे। वे यहां बस हादसे में मृत लोगों के घर पहुंचे और परिजनों को ढाढस बंधाया। कुछ जगह परिजन उनसे लिपटकर रो पड़े, तो शिवराज भावुक हो गए। इस दौरान उन्हें परिवार के गुस्से का भी सामना करना पड़ा। एक परिवार ने जाते-जाते उनसे कहा कि रहम मत कीजिए। सस्पेंड करना समाधान नहीं। जिम्मेदार लोग और पुलिसवालों को पद से हटाइए। मुख्यमंत्री ने अब तक रामपुर नैकिन, चुरहट, पचोखर, पड़रिया, कुकरझर,संझहा, गांधीग्राम, गाढ़ा खोह, बुदरहा, अमहवा सहित कई गांव पहुंचकर मृतकों के परिवारजनों से मिलकर संवेदनाएं व्यक्त की और सहायता राशि 7 लाख रुपये के चेक प्रदान किये। मृतकों के परिजनों से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री ने सीधी में रात 10.00 बजे अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने कहा कि ये हृदय विदारक घटना है। जिम्मेदारों को छोड़ा नहीं जाएगा। इसके बाद मुख्यमंत्री ने मध्यप्रदेश रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के डिविजनल मैनेजर, एजीएम, मैनेजर समेत सीधी के आरटीओ को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के निर्देश दिये। बैठक में आईजी, कमिश्नर, कलेक्टर, एसपी समेत कई अधिकारी मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि हृदय विदारक घटना से मैं अंदर से व्यथित हूं और इसे बेहद गंभीरता से ले रहा हूं। मैं दिनभर से जनता को सुन रहा हूं। बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जिन्हें हमने खो दिया, उन्हें वापस नहीं लाया जा सकता, पर पीड़ित परिवार को हर संभव सहायता दी जाएगी। उन्होंने बताया कि पीड़ित परिवारों को सात-सात लाख रुपये की सहायता दी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दुर्घटना का सही कारण तो जांच के बाद पता चलेगा पर आम जनता से जो फीडबैक मिला उसके आधार पर छुहिया घाटी की रोड खराब होना तथा बार-बार जाम लगने के कारण रोड का बस का मार्ग बदलना पड़ा। इसलिए मध्यप्रदेश रोड कॉर्पोरेशन के डीएम, एजीएम तथा मैनेजर को निलंबित करने के निर्देश दिए गए हैं। क्षमता से अधिक सवारी होने तथा बस का निर्धारित मार्ग से दूसरे मार्ग में जाने का दोषी मानते हुए जिला परिवहन अधिकारी को भी निलंबित करने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि एमपीआरडीसी के बड़े अधिकारियों को मौके पर भेजकर घाटी में आवश्यक सुधार कार्य कराया जाएगा। साथ ही रोड के खतरनाक मोड़ को समाप्त करने के लिए दीर्घकालीन कार्य योजना बनेगी। ट्रैफिक का दबाव घटाने के लिए रीवा गड्डी रामपुर नैकिन रोड तथा जिगना भरतपुर रोड का निर्माण शीघ्र पूरा किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने राहत तथा बचाव कार्य में तत्परता के लिए जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की प्रशंसा की। उन्होंने बचाव कार्य मे उत्कृष्ट कार्य करने पर शिवरानी लोनिया, लवकुश लोनिया तथा सतेन्द्र शर्मा को 5-5 लाख का पुरस्कार देने की भी घोषणा की। हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश-hindusthansamachar.in

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