दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर राम मंदिर के शिलान्यास की तारीख को लेकर उठाए सवाल
दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर राम मंदिर के शिलान्यास की तारीख को लेकर उठाए सवाल

दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर राम मंदिर के शिलान्यास की तारीख को लेकर उठाए सवाल

भोपाल, 01 अगस्त (हि.स.)। कोरोना संकट के बीच देश में राममंदिर निर्माण की तैयारियां जोरों पर है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन करेंगे। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण पर जारी सियासत की आंच मध्य प्रदेश तक देखी जा सकती है। मध्य प्रदेश में राम मंदिर के शिलान्यास को लेकर सियासत गरमा गई है। पूर्व सीएम और दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर राम मंदिर शिलान्यास की तारीख पर सवाल उठाए हैं। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर राम मंदिर निर्माण की तारीख पर सवाल उठाते हुए धार्मिक भावनाओं और मान्यताओं के साथ खिलवाड़ का आरोप लगाया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा ‘रामहि केवल प्रेमु पिआरा। जानि लेउ जो जान निहारा॥ भावार्थ:-श्री रामचन्द्रजी को केवल प्रेम प्यारा है, जो जानने वाला हो (जानना चाहता हो), वह जान ले। हमारी आस्था के केंद्र भगवान राम ही हैं! और आज समूचा देश भी राम भरोसे ही चल रहा है। इसीलिए हम सबकी आकांक्षा है कि जल्द से जल्द एक भव्य मंदिर अयोध्या राम जन्म भूमि पर बने और राम लला वहां विराजें। स्व. राजीव गांधी जी भी यही चाहते थे। रही बात मुहूर्त की, तो इस देश में 90 प्रतिशत से भी ज्यादा हिन्दू ऐसे होंगे जो मुहूर्त, ग्रह दशा, ज्योतिष, चौघडिय़ा आदि धार्मिक विज्ञान को मानते हैं। मैं तटस्थ हूँ इस बात पर कि 5 अगस्त को शिलान्यास का कोई मुहूर्त नही है ये सीधे-सीधे धार्मिक भावनाओं और मान्यताओं से खिलवाड़ है। गौरतलब है कि यह पहला मौका नहीं है जब दिग्विजय सिंह ने राममंदिर के मुख्य पुजारी समेत 14 लोगों के कोरोना पॉजिटिव आने पर कमेंट्स किया था। उन्होंने कहा था कि अब बताओ मुहूर्त सही है या गलत? अब बताओ शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वतीजी सही हैं या गलत? इससे पहले स्वरूपानंद ने 5 अगस्त को कोई मुहूर्त नहीं होने पर सवाल खड़े किए थे। इसके बाद दिग्विजय ने भी इसी बात को दोहराया था। इसके अलावा उन्होंने पीएम मोदी के शिलान्यास किए जाने पर भी आपत्ति जताते हुए एक अन्य ट्वीट कर कहा था कि सनातन धर्म को मानने वाले लोगों को पीएम मोदी के राम मंदिर के शिलान्यास से अपत्ति है, क्योंकि मोदी जी ने शिलान्यास के लिए किसी भी प्रमाणित शंकराचार्य और रामानन्दी सम्प्रदाय के धर्म गुरू को स्थान नहीं दिया है। हिन्दुस्थान समाचार/ नेहा पाण्डेय-hindusthansamachar.in

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