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डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल टूटेगा दो भागों में, बनेगा आंख और हड्डी वार्ड

उज्जैन,17 जून (हि.स.)। राज्य शासन द्वारा गत वर्ष शा.माधवनगर हॉस्पिटल में सारी यूनिट बंद करके इसे डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल बनाया गया था। उज्जैन संभाग के इस एकमात्र शासकीय कोरोना उपचार हॉस्पिटल को बनाने में करोड़ों रूपये खर्च किए गए और स्वयं मुख्यमंत्री इसका शुभारंभ करने उज्जैन आए थे। अब सीएमएचओ के एक आदेश के अनुसार इस हॉस्पिटल को दो भागों में तोड़ा जा रहा है। पहला भाग कोरोना के उपचार के लिए तथा दूसरा भाग ऑंख एवं हड्डी रोग के लिए होगा। सीएमएचओ डॉ.महावीर खण्डेलवाल ने एक आदेश जारी किया है। शा.माधवनगर अस्पताल के प्रभारी चिकित्सक के नाम जारी आदेश में डॉ.खण्डेलवाल ने चार बिंदुओं में निर्देश जारी किए हैं। अपने निर्देश में उन्होंने उल्लेख किया है कि कोविड-19 के मरीजों की संख्या बहुत अधिक कम हो गई है। अत: संक्रमित मरीजों के लिए मेडिकल वार्ड तथा एक स्टोर रूम ही रखा जाए। अन्य वार्डो को सामान्य वार्ड में परिवर्तित कर दिया जाए। साथ ही यह भी निर्देश दिया है कि आई और आर्थोपेडिक वार्ड को पुन: संचालित किया जाए। उन्होंने कहा कि शा.माधवनगर को मिले ऑक्सीजन कांसन्ट्रेटर,ऑक्सीजन फ्लो मीटर,पल्स ऑक्सीटोमीटर,थर्मल गन एवं अन्य उपकरणों को अपने भण्डार गृह में चालू/तैयार स्थिति में रखें। उक्त उपकरण खराब हैं तो तत्काल रिपेयर करवाएं। ताकि भविष्य में आवश्यकता पडऩे पर तत्काल उपयोग में लाये जा सकें। इसके अलावा अस्पताल में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की संख्या बहुत अधिक है। कम से कम कर्मचारियों को रखते हुए शेष को कार्यमुक्त किया जाए। इनका कहना है... शा.माधवनगर के प्रभारी डॉ.विक्रम रघुवंशी के अनुसार वरिष्ठों का आदेश मिला है। हमने तैयारी कर ली है। प्रथम तल की आयसीयू कोरोना मरीजों के लिए रहेगी और एक वार्ड तथा एक स्टोर रहेगा। शेष वार्डो में पूर्व की तरह आई और आर्थोपेडिक ओपीडी शुरू करने जा रहे हैं। सामान्य मरीजों का भी ओपीडी में उपचार किया जाएगा। इसके लिए प्रथम तल को विसंक्रमित करके कल्चर भेजे जा चुके हैं। जल्द ही आदेश पर अमल होगा। हिंदुस्थान समाचार/ललित ज्वेल

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