विचाराधीन बंदी की जेल में मौत, आयोग ने दिये पांच लाख के हर्जाने के आदेश
भोपाल, 04 जनवरी (हि.स.)। मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने राज्य शासन को केन्द्रीय जेल सतना में विचाराधीन बंदी की मौत पर मृतक के निकटतम उत्तराधिकारियों को पांच लाख रूपये दो माह में देने की अनुशंसा की है। आयोग ने यह अनुशंसा प्रकरण क्र. 2759/सतना/2019 में केन्द्रीय जेल सतना में विचाराधीन बंदी रामकेश यादव की मौत हो जाने के मामले में की है। मानव अधिकार आयोग ने अपनी अनुशंसा में कहा है कि राज्य शासन जेल परिसर के अन्दर बंदियों के लिए मंदिर आदि की स्थापना की कार्यवाही, भारत के संविधान के प्रावधानों पर विचार करते हुए बंदियों की सुरक्षा के वैधानिक उत्तरदायित्व को सुनिश्चित किये जाने हेतु आवश्यक उपाय व प्रबंध करे और ऐसे स्थान पर भी सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरा स्थापित कराते हुए परिसर के प्रत्येक स्थान पर निगरानी सुनिश्चित करे, जिससे किसी भी बंदी को आत्महत्या करने का कोई अवसर न मिले। इसके अलावा केन्द्रीय एवं जिला जेलों में क्षमता से अधिक बंदियों के दाखिल होने की परिस्थितियों का संज्ञान लेते हुए जेल परिसरों में बंदियों की निगरानी के लिए वर्तमान मानक संख्या का पुनरीक्षण कर जेल परिसर में जेल वार्डों में दाखिल बंदियों पर प्रभावी सतर्कता/निगरानी के लिए पर्याप्त प्रहरियों की नियुक्ति करे। इसी संदर्भ में सीसीटीवी कैमरों व अन्य डिजिटल टेक्नालॉजी का उचित और प्रभावी उपयोग कर सम्पूर्ण जेल परिसर पर निगरानी सुनिश्चित की जा सकती है। इस विषय पर भी यथाशीघ्र कार्यवाही की जाये। इस प्रकरण में केन्द्रीय जेल अधीक्षक, सतना की सूचना के अनुसार विचाराधीन बंदी रामकेश यादव द्वारा 07 मई 2019 को जेल परिसर में प्लास्टिक शेड को सहारा देने के लिये लगाये गये लोहे के पाईप से स्वयं के गमछे को गले में बांधकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली गई थी। हिन्दुस्थान समाचार/केशव दुबे-hindusthansamachar.in