मप्र में तेज हुई बंगला राजनीति, कांग्रेस का आरोप, भाजपा कर रही बदले की राजनीति
मप्र में तेज हुई बंगला राजनीति, कांग्रेस का आरोप, भाजपा कर रही बदले की राजनीति

मप्र में तेज हुई बंगला राजनीति, कांग्रेस का आरोप, भाजपा कर रही बदले की राजनीति

भोपाल, 12 जून (हि.स.)। मध्य प्रदेश में इन दिनों उपचुनाव के साथ बंगले को लेकर भी राजनीति जोरों से चल रही है। कांग्रेस सरकार में पूर्व मंत्रियों के बंगले को लेकर चल रहा विवाद अब गरमा गया है। पूर्व मंत्री तरुण भनोट का 4 इमली स्थित बंगला बी-16 भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को अलॉट किया गया है। जिसके चलते तरुण भनोट पर बंगला खाली करने का दवाब बनाया जा रहा है। संपदा विभाग और पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों ने उनका बंगला सील कर दिया। इस संबंध में पूर्व मंत्रियों ने बैठक की और अभी बंगला ना खाली करने का फैसला लिया। साथ ही जरुरत पडऩे पर कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी भी कर ली है। बंगले को लेकर चल रही राजनीति पर पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता सज्जन सिंह वर्मा, पीसी शर्मा, विजय लक्ष्मी साधौ और हर्ष यादव ने बैठक की। बैठक में फैसला लिया गया कि बंगला अभी खाली नहीं किया जाएगा। शुक्रवार को मीडिया से बातचीत करते हुए पीसी शर्मा ने कहा कि कांग्रेस के पूर्व मंंत्रियों और विधायकों से भाजपा सरकार द्वारा बंगला खाली करने का दबाव बनाना बदले की कार्यवाही है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार के दौरान भाजपा के पूर्व मंत्री भी बंगले रहे हैं लेकिन कमलनाथ सरकार ने खाली नही कराए। पीसी शर्मा ने कहा कि जो अब विधायक या मंत्री नही रहें और भाजपा में शामिल हो चुके है, उन्हें नोटिस नही दिया गया है लेकिन कांग्रेस के पूर्व मंत्री, विधायकों को नोटिस भेजा जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज आग्रह किया है, दूसरा कोई बंगला विधायक को दिया जाए। भोपाल के जितने विधायक है सबको बंगला आबंटित है। जो मेरा विधानसभा क्षेत्र है तो वहां मेरा बंगला आबंटित है। सिंधिया समर्थक पूर्व विधायकों के बंगले को आधार बनाकर जंग लड़ेगी कांग्रेस माना जा रहा है कि बंगले को लेकर मचे घमासान को कांग्रेस के पूर्व मंत्री कोर्ट तक लेकर जा सकते हैं। बताया जा रहा है कि कांग्रेस, सिंधिया समर्थक पूर्व विधायकों के बंगलों को आधार बनाकर ये सियासी जंग लडऩे की तैयारी में है। आपको बता दें कि गृह मंत्रालय की ओर से कांग्रेस के पूर्व मंत्रियों को 15 जून तक बंगला खाली करने का नोटिस दिया गया था। जिसके बाद से ही लगातार बंगला पॉलिटिक्स चली आ रही है। पहले भी तरुण भनोट के बंगले को लेकर काफी गहमागहमी हुई थी। हिन्दुस्थान समाचार/ नेहा पाण्डेय-hindusthansamachar.in

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