कोरोना से मुक्ति के लिए जी-जान से जुटे हैं सीएमएचओ और उनका अमला

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- लगातार मिल रहे हैं कोरोना पॉजिटिव केस - जिले में इस समय स्वास्थ्य अमले पर भी भारी दबाव शिवपुरी, 25 अप्रैल (हि.स.)। पिछले एक साल से जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एएल शर्मा कोरोना रोगियों को सुचारू इलाज़ दिलाने के लिए दिन रात लगे हुए हैं।उनकी इस कार्य संस्कृति को देखते हुए ही उन्हें खेल मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया और श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया का भी सहयोग व आशीर्वाद मिला हुआ।पूर्व कलेक्टर अनुग्रहा पी रही हों या वर्तमान कलेक्टर अक्षयकुमार सिंह बराबर सहयोग मिला है। इसी कारण संसाधनों की आपूर्ति होती जा रही है और कोरोना पॉज़िटिवों को जिला अस्पताल के कोविड वार्ड से लेकर चिकित्सा महाविद्यालय के कोविड और आईसीयू वार्ड में चिकित्सा सेवाएं गतिशील हैं। मेडिकल कॉलेज का आईसीयू वार्ड रिकॉर्ड समय में तैयार हुआ है। यह आधुनिकतम सुविधाओं से सम्पन्न होने के साथ,यहाँ ऑक्सीजन,वेंटिलेटर की भी पर्याप्त सुविधा है। इस उपलब्धि में डॉ शर्मा के साथ कॉलेज के डीन श्री अक्षय निगम का भी विशेष योगदान रहा है। डॉ शर्मा के प्रबंध कौशल की ही वजह से शिवपुरी वैक्सीन टीकाकरण में प्रदेश में दूसरे स्थान पर रहा है। डॉ शर्मा पूरे जिले में निगरानी बनाए रखने के बावजूद हर वक्त मोबाइल पर उपलब्ध रहते हैं। स्थानीय होने की वजह से उनके सम्पूर्ण जिले के लोगों से आत्मीय रिश्ते हैं,इसलिए दिनरात उन्हें फोन आते रहते हैं। अतिरिक्त व्यस्तता के चलते अपवादस्वरूप एकाध को छोड़कर ज्यादातर के डॉ शर्मा सीधे फोन उठाते हैं और विनम्रतापूर्वक समस्या का निदान करते हैं।अस्पताल में भर्ती कराने के साथ मरीज पर निरंतर निगरानी भी बनाए रखते हुए उसके लिए समुचित उपचार व्यवस्था भी करते हैं। अपनी इसी कार्य संस्कृति के बूते वे आज भी कोरोना योद्धा के रूप में डटे हुए हैं। हाल ही में जब भाजपा नेता हेमन्त ओझा के जीजाजी हरिकिशन ओझा जी को रात 12 बजे अस्पताल के आईसीयू वार्ड में पहुँच कर स्वयं इलाज़ का प्रबंध किया। इसी तरह पत्रकार संजीव बाँझल के पिताजी डॉ एम के बाँझल का इलाज़ किया।आज दोनों स्वस्थ हैं। बावजूद अपनी अक्खड़ कार्य संस्कृति और कटु व तल्ख हाज़िरजवाबी के चलते विवादों में बने रहना उनका स्थायिभाव है और विरोधाभासों में रहना एक प्रकार से दिनचर्या का हिस्सा है। हिन्दुस्थान समाचार/ रंजीत गुप्ता

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