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नगर सेवा अभियान अनूपपुर में हुआ फेल, गंदगी से पटी पड़ी कई सड़कें

अनूपपुर, 17 जून (हि.स.)। संभागायुक्त की पहल पर नगरीय क्षेत्रों में मानसून से पूर्व चलाया गया नगर सेवा अभियान 15 जून को समाप्त हो गया। इस दौरान प्रत्येक नगरीय क्षेत्रों में सफाई को लेकर विशेष अभियान चलाया गया और साफ-सफाई की गई। लेकिन जिला मुख्यालय और नगरीय क्षेत्र अनूपपुर में नगर सेवा अभियान सिर्फ कागजों में चला। जहां पिछले 15 दिनों के उपरांत भी नगर की गलियों को बात दूर जिला प्रशासन के संयुक्त कार्यालय परिसर तक की भी सफाई नहीं हो सकी है। कलेक्टर कार्यालय आवास (सोननदी किनारा) से लेकर सामतपुर तक लगभग 2 किलोमीटर लम्बी 7 करोड़ की मुख्य मॉडल सडक़ सफाई के अभाव में दुर्दशा का शिकार बनी हुई है। सडक़ पर जंगली घासों के साथ कीचड़ और बरसात के पानी अटके पड़ा हैं। वहीं नालियों में जंगली झाडिय़ो का जंगल हैं। यहीं नहीं नाली की सफाई नहीं होने से सडक़ तलाब बनी है। लेकिन आश्चर्य इस मामले में अबतक जिला प्रशासन सहित नगरीय प्रशासन ने सुध तक नहीं ली। संभागायुक्त की पहल पर जिला शहरी विकास अभिकरण अधिकारी ने 1 जून को सभी नगरीय प्रशासकों को आदेश जारी करते हुए मानसून की बारिश से पूर्व साफ-सफाई सहित पानी निकासी और गंदगी सम्बंधित अव्यवस्थाओं को तत्काल व्यवस्थित करने के निर्देश दिए थे। साथ ही नगरीय प्रशासकों को इसके लिए 15 दिनों की मोहलत देते हुए व्यवस्थाओं को पूरा कराए जाने की जानकारी मांगी थी। यही नहीं आदेश की अनदेखी करने वाले नगरीय प्रशासकों के खिलाफ कार्रवाई की भी चेतावनी भी दी गई थी। क्या था आदेश डिप्टी कलेक्टर एवं परियोजना अधिकारी जिला शहरी विकास अभिकरण विजय डहेरिया द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि वर्षा ऋतु के पूर्व साफ-सफाई, नाला-नालियों के उचित बहाव के लिए अतिक्रमणकों को हटाने, व्यवधानों को दूर करने, जल प्रदाय, सीवरेज परियोजनाएं, सडक़ मरम्मत के कार्य तथा किसी भी क्षेत्र में पानी संचित न हो उसके उपाय, सड़ी गली सब्जियों को नष्ट करने, संक्रमण रोगों से बचाव, वाहनों की मरम्मत तथ शुद्ध पानी के लिए आवश्यक रसायानों की व्यवस्था किया जाना है। वहीं आदेश में यह चेतावनी दी कि आवश्यक कार्रवाई 15 दिनों के अंदर पूर्ण कर की गई कार्रवाईयों की प्रगति कार्यालय को अवगत कराए। कलेक्ट्रेट परिसर में ही गंदगी अभियान में नगरीय प्रशासक ने जिला प्रशासन कार्यालय परिसर की ही अनदेखी कर डाली। आज भी परिसर में बारिश के पानी जमे हुए है। नालियों से कचरा निकाल बाहर रखा दिया गया है। जबकि आसपास की नालियों में जंगली घास उगे हुए हैं। बगीचे में जंगली झाड़ ने कब्जा कर रखा है। कलेक्ट्रेट कार्यालय की बगीचे में झाडिय़ों में कीमती फूल और फल के पौधे छिप गए हैं। यानि पूरा परिसर ही देखने से लगता है कि यहां सफाई नाम कोई चीज नहीं है। नालियों में जंगली झाड़ और पानी नगर की मुख्य सडक़ों में अनूपपुर-कोतमा मार्ग शामिल हैं। जो सामतपुर से सोननदी तक मॉडल सडक़ के रूप में विकसित है। यह सडक़ नगर की सबसे बदहाल बनी हुई है। नालियों में गंदा पानी भरा है, जगह जगह मिट्टी से पाटकर रास्ते बना दिए गए हैं। नालियों में जंगली झाड़ उगे हैं, जिसकी सफाई सडक़ निर्माण के बाद आजतक नहीं की गई है। जबकि सडक़ पर मिट्टी के ढेर और कीचड़ जमे हैं। सबसे आश्चर्य बात कलेक्ट्रेट कार्यालय के सामने नालियों की हालत देखकर नहीं कहा जा सकता है कि यहां प्रशासकीय कार्यालय संचालित होते हैं। डिप्टी कलेक्टर एवं परियोजना अधिकारी जिला शहरी विकास अभिकरण विजय डहेरिया ने बताया कि नगर सेवा अभियान के तहत सफाई के निर्देश दिए गए थे, निर्धारित समय बाद सफाई नहीं हुई है तो मैं सीएमओ से जानकारी लेकर आगे की कार्रवाई करवाता हूं और पूछता हूं कि आखिर सफाई क्यों नहीं हुई। हिन्दुस्थान समाचार/ राजेश शुक्ला

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