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मुख्यमंत्री ने की नाइट सफारी की सवारी, कहा- भोपाल का वन विहार है अनूठा

वन विहार की विश्व स्तर पर ख्याति हो, ऐसे प्रयास करें भोपाल, 05 मार्च (हि.स.)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्राकृतिक सुंदरता से परिपूर्ण भोपाल का वन विहार अनूठा है। यहाँ अनेक दुर्लभ वन्य प्राणी भी हैं। इसकी विश्व स्तर पर ख्याति होना चाहिए। मुख्यमंत्री शुक्रवार देर शाम परिवार के साथ भोपाल के नेशनल पार्क वन विहार पहुंचे, जहां उन्होंने नाइट सफारी की सवारी की। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों से नाइट सफारी से संबंधित व्यवस्थाओं की जानकारी ली। दरअसल, गुरुवार को ही इस सफारी का शुभारंभ हुआ है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि वन विहार भोपाल एक बेहतर स्थान है। यहाँ व्यवस्थाएँ बेहतर बनाकर इसकी ख्याति बढ़ाई जाना चाहिए। ऐसे कार्य हों कि वन विहार भोपाल का दुनिया में नाम हो। उन्होंने कहा कि वन्य प्राणी हमारी पृथ्वी का हिस्सा हैं। मनुष्य के साथ वन्य प्राणियों का अस्तित्व भी उतना ही महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री ने वन अधिकारियों से वन विहार के वन्य प्राणियों के आहार, विश्राम और उनकी दिनचर्या से संबंधित जानकारी प्राप्त की। उल्लेखनीय है कि 4 मार्च से भोपाल में वन विहार राष्ट्रीय उद्यान में रात्रि सफारी प्रारंभ की गई है। इससे पर्यटन के विकास में सहयोग मिलेगा। मुख्यमंत्री ने गत माह वन विहार के निरीक्षण के दौरान निर्देश दिए थे कि यहाँ रात्रि सफारी का शुभारंभ किया जाए। उन्होंने आज वाइल्ड लाइफ नियमों का पालन करते हुए नाइट सफारी की। विशिष्ट वन्य प्राणियों के लिए रहा है प्रसिद्ध भोपाल का वन विहार करीब 445 हेक्टेयर क्षेत्र में फैले भोपाल के वन विहार को राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिया गया है। यहाँ विशिष्ट वृक्षों की प्रजातियाँ देखने को मिलती हैं, जिनमें अमलतास, साजा, बैल, बबूल, ईमली, आंवला, तेंदू और सीताफल शामिल हैं। वन्य प्राणियों में बाघ, तेंदुआ, सियार, चीतल, नीलगाय, कृष्णमघ, खरगोश, घड़ियाल और कछुआ आदि शामिल हैं। यह विंध्य अंचल से लाए गए सफेद शेर और बिलासपुर (वर्तमान छत्तीसगढ़) के वनांचल से लाए गए भालू सहित अनेक विशिष्ट वन्य प्राणियों की आश्रय स्थली रहा है। एक सर्प संग्रहालय भी वन विहार परिसर में स्थित है। प्राकृतिक सुंदरता को समेटे हुए वन विहार के नजदीक भोजताल है। इसके साथ ही राष्ट्रीय मानव संग्रहालय और सैर-सपाटा जैसे पर्यटक स्थल भी हैं। वन विहार में सालाना लगभग 6 लाख वन्य प्राणी प्रेमी और पर्यटक आते हैं। वर्तमान में यहाँ संचालित गतिविधियों से दो करोड़ 50 लाख रुपये की वार्षिक आय होती है। वन्य प्राणियों की जीवनचर्या को प्रभावित किए बिना नाइट सफारी प्रारंभ की गई है। हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश

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