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सर्वार्थ सिद्धि योग में मनेगी बुद्ध पूर्णिमा

ग्वालियर, 15 मई (हि.स.)।इस बार बुद्ध पूर्णिमा 26 मई बुधवार को सर्वार्थ सिद्धि योग में मनाई जाएगी। पूर्णिमा तिथि 25 मई मंगलवार को रात 08.30 से शुरू होगी जो कि 26 मई बुधवार को शाम 04.43 मिनट तक रहेगी। भगवान बुद्ध का जन्म वैशाख मास की पूर्णिमा को हुआ था। इसी कारण वैशाख मास की इस पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा कहा जाता है। ज्योतिषाचार्य ने बताया कि गौतम बुद्ध को हिन्दुओं में भगवान श्री विष्णु का नौवां अवतार भी माना जाता है। बुद्ध पूर्णिमा न केवल बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए बल्कि हिन्दू धर्म के मानने वालों के लिए भी महत्वपूर्ण है। महात्मा बुद्ध को बुद्धत्व की प्राप्ति भी वैशाख पूर्णिमा को हुई। इसके पश्चात महात्मा बुद्ध ने अपने ज्ञान के प्रकाश से पूरी दुनिया में एक नई रोशनी पैदा की और वैशाख पूर्णिमा के दिन ही कुशीनगर में उनका महापरिनिर्वाण हुआ। उन्होंने बताया कि बौद्ध धर्म के मानने वाले लोग बुद्ध पुर्णिमा के दिन घरों पर दीए जलाते है और फूलों से घर को सुसज्जित करते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन धार्मिक कार्य करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है। लोग इस दिन दान-पुण्य जैसे कार्यों में लीन रहते हैं। वैशाख पूर्णिमा के दिन सूर्योदय के बाद स्नान आदि करने के बाद श्री हरि विष्णु की पूजा की जाती है। इस दिन धर्मराज की पूजा करने की भी मान्यता है। कहते हैं कि सत्यविनायक व्रत से धर्मराज खुश होते हैं। धर्मराज मृत्यु के देवता हैं इसलिए उनके प्रसन्न होने से अकाल मौत का डर कम हो जाता है। इस दिन को लेकर ऐसी भी मान्यता है कि पूर्णिमा के दिन तिल और चीनी का दान शुभ होता है। चीनी और तिल दान करने से अनजान में हुए पापों से भी मुक्ति मिलती है। इस दिन दान पुण्य करने से बहुत लाभ होता है। हिन्दू धर्म के अनुयायी इस दिन पितरों का तर्पण करते हैं। पितरों की आत्मा की शांति के लिए एवं उनके प्रकोप से बचने के लिए पिंड दान करते हैं। वैशाख पूर्णिमा को पिंड दान करने से पितरों की कृपा बरसती है, इससे घर परिवार में शांति बनी रहती है। हिन्दुस्थान समाचार/शरद

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