Lok Adalat Bhopal: जिला न्यायालय भोपाल और तहसील न्यायालय में 9 दिसम्बर को नेशनल लोक अदालत का होगा आयोजन

Bhopal: मप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशानुसार एवं प्रधान जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष अमिताभ मिश्र के मार्गदर्शन में 9 दिसम्बर को इस वर्ष की अंतिम नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जायेगा।
Lok Adalat
Lok Adalat Social Media

भोपाल, हि.स.। मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशानुसार एवं प्रधान जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष अमिताभ मिश्र के मार्गदर्शन में 9 दिसम्बर को इस वर्ष की अंतिम नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जायेगा। यह जानकारी जनसंपर्क अधिकारी राजेश बैन ने दी।

नेशनल लोक अदालत

उन्होंने बताया कि नेशनल लोक अदालत के सफल आयोजन के लिए विधिक जागरूकता शिविरों, सोशल मीडिया प्लेटफार्म सहित नेशनल लोक अदालत का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।

नेशनल लोक अदालत के लिए सभी न्यायाधीशगणों, नोडल न्यायिक अधिकारीगण, विद्युत विभाग, नगरपालिका, बैंक, पुलिस, यातायात पुलिस, दूरसंचार विभाग एवं प्रशासन के अधिकारियों तथा बीमा कम्पनियों के अधिकारियों, अधिवक्ताओं सहित पक्षकारों के साथ प्री-सिटिंग बैठकें आयोजित की जा रही है।

सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एस.पी.एस. बुन्देला द्वारा किया आव्हान

सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एस.पी.एस. बुन्देला द्वारा आव्हान किया गया है कि नेशनल लोक अदालत में अपने प्रकरणों का निराकरण आपसी सहमति के आधार पर कराया जाकर लोक अदालत का लाभ उठायें। अधिक जानकारी के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण भोपाल एवं तहसील विधिक सेवा समिति वैरसिया से सम्पर्क किया जा सकता है।

लोक अदालत के लाभ
पक्षकारों के मध्य आपसी सद्भाव बढ़ता है, कटुता समाप्त होती है, समय, धन व श्रम की बचत होती है। कोई भी पक्षकार हारता नहीं है दोनों पक्षकारों की जीत होती है। लोक अदालत में प्रकरण का निराकरण होने से न्याय शुल्क वापस होता है। लोक अदालत का आदेश / निर्णय अंतिम होता है, लोक अदालत के आदेश के विरुद्ध अपील नहीं होती। लोक अदालत में निराकरण होने से पक्षकारों के मध्य विवाद हमेशा के लिए समाप्त हो जाता है।

अन्य खबरों के लिए क्लिक करें:- www.raftaar.in

रफ़्तार के WhatsApp Channel को सब्सक्राइब करने के लिए क्लिक करें Raftaar WhatsApp

Telegram Channel को सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें Raftaar Telegram

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in