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मानसिक विकृति के लोगों से बचने व बच्चों को घटनाओं के प्रति करें जागरूकः न्यायधीश यादव

अनूपपुर, 10 मार्च (हि.स.)। समाज में मानसिक विकृति के लोग भी मौजूद रहते हैं, जिनसे बचने के लिए यह आवश्यक है कि हम अपने बच्चों को घटनाओं के प्रति जागरूक करें। कानून में शारीरिक, मानसिक रूप से किसी भी तरह प्रताडि़त किया जा सकता है। इसमें बच्चे अपराध में संलिप्त भी रह सकते हैं तथा प्रताडि़त भी हो सकते हैं। जब बच्चा 9 वर्ष का हो जाए, तो उससे मित्रवत व्यवहार करें और जानें कि वह किसी विचित्र घटना या परिस्थिति का सामना तो नहीं कर रहा है। उससे जानने के लिए परिवार के बड़े बच्चों एवं परिजन की मदद भी ले सकते हैं। यह बात बुधवार को महिला एवं बाल विकास विभाग ने शिरोज टॉक पर परिचर्चा के साथ महिला दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम के समापन अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव भू-भास्कर यादव ने कही। उन्होंने बताया कि लड़कियों को छेडऩा, उन्हें घूरना, उनके पीछे-पीछे जाना, स्पर्श करना, अश्लील वीडियो दिखाना यह सब अपराध की श्रेणी में आते हैं। परिवार में 10-12 साल की बच्ची को प्रशिक्षित करें कि अगर कोई उसको स्पर्श करे, उसके कंधे पर हाथ रखने जैसी हरकत करें तो वह आक्रामक रुख अपना कर उसका विरोध करे। बच्चों को संस्कारवान बनायें,बच्चे संस्कारवान होंगे, तो वे गलत दिशा में जा ही नहीं पाएंगे। गलत गतिविधियों में संलिप्त ना रहने की सीख देनी चाहिए। बच्चों को नौकरों के भरोसे नहीं छोडऩा चाहिए। सी.सी. टीव्ही कैमरे लगाए जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर किसी स्कूल में किसी बच्ची या बच्चे के साथ कोई अप्रिय घटना घटित हुई है, तो संबंधित के खिलाफ पाक्सो एक्ट के तहत थाने में मामला दर्ज कराया जाना चाहिए। ऐसी घटना में उत्पीडि़त बच्चे का नाम मीडिया को नहीं बताया जाना चाहिए। बेटियों को सचेत करें कि अगर उनके साथ कोई विचित्र घटना होती है, तो परिवार में आकर जरूर बताएं। बच्चे घर से बाहर पढऩे जा रहे हैं, तो उन्हें समझाएं कि वह किसी अपरिचित व्यक्ति द्वारा दी गई खाद्य सामग्री ना खाएं। साथ ही जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा दी जा रही नि:शुल्क विधिक सहायता की जानकारी भी दी। जिला पंचायत अध्यक्ष रूपमती सिंह ने महिला जागरूकता के लिए चलाए गए अभियान की सराहना की और ऐसे कार्यक्रम ग्राम पंचायत स्तर पर आयोजित करने का सुझाव दिया। परिचर्चा में राष्ट्रीय नारी सशक्तिकरण संघ की अध्यक्ष स्वेता नामदेव ने कहा कि महिलाओं का आत्मनिर्भर होना बहुत आवश्यक है, ताकि वे किसी की मोहताज ना रह सकें। उन्होंने बताया कि वह स्वयं एक दुकान खोलकर आत्मनिर्भर हो गई हैं। लायंस क्लब अध्यक्ष अन्नपूर्णा शर्मा ने कहा कि बच्चियों एवं महिलाओं को उनकी संस्था लगातार स्वास्थ्य, शिक्षा के प्रति जागरूक कर रही है, जिसके अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं। जिला पंचायत सदस्य स्नेहलता सोनी ने कहा कि बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ संस्कार भी दिए जाना चाहिए। बेटियों को किसी भी क्षेत्र में आगे बढऩे से रोकना नहीं चाहिए, बल्कि उन्हें प्रोत्साहित करना चाहिए। डॉ. करुणा सोनी ने बच्चियों एवं महिलाओं के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी दी। इसके पूर्व महिला सशक्तिकरण अधिकारी मंजूषा शर्मा ने कार्यक्रम की रूपरेखा की जानकारी दी। हिन्दुस्थान समाचार/ राजेश शुक्ला

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