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नवीन वास्तविकताओं के सर्विलांस, फीडबैक और एडॉप्टेशन की एप्रोच जरूरीः सान्याल

सुशासन संस्थान में व्याख्यान माला में भारत सरकार के प्रमुख आर्थिक सलाहकार भोपाल, 28 जून (हि.स.)। नवीन वास्तविकताओं के सर्विलांस, फीडबैक और एडॉप्टेशन-एडजेस्टमेंट की एप्रोच जरूरी है। इसी से विकास का रास्ता निकलेगा। वास्तव में हमारे आस-पास क्या हो रहा है, इसी के आधार पर हमें आगे बढ़ने की जरूरत है। यह बातें सोमवार को भारत सरकार के प्रमुख आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल ने अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान में व्याख्यान माला 'असरदार परिवर्तन-टिकाऊ परिणाम' में 'पॉलिसी मेकिंग फॉर एन अनसर्टेन पोस्ट-कोविड वर्ल्ड' विषय पर कही। प्रमुख आर्थिक सलाहकार सान्याल ने कहा कि सर्विलांस, लगातार टेस्ट वैक्सीनेशन और क्विक रिस्पांस से कोरोना की संभावित लहरों से बचा सकता है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने निगरानी, प्रतिक्रिया और अनुकूलन के दृष्टिकोण को अपनाकर कोविड संकट से निपटने की कार्यवाही की है। सान्याल ने कहा कि कोरोना की पहली लहर में जानकारी अनिश्चित और अस्पष्ट थी। परिणाम स्वरूप लंबा लॉकडाउन लगाना पड़ा। लेकिन लॉकडाउन खुलने के बाद अर्थ-व्यवस्था में तेजी से सुधार हुआ। वर्ष 2020-21 का बजट भी विस्तारवादी था। इसमें पूंजीगत व्यय, भूमि मुद्रीकरण और गैर रणनीतिक क्षेत्रों के निजीकरण आदि पर जोर दिया गया। सान्याल ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर स्वास्थ्य के लिहाज से ज्यादा तनावपूर्ण थी, लेकिन अर्थ-व्यवस्था के लिए उतनी गंभीर नहीं थी। उन्होंने कहा कि आर्थिक व्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए मुख्य रूप से तीन उपाय किये गए। अर्थ-व्यवस्था में खपत को प्रोत्साहित करने के लिए राजकोषीय और मौद्रिक समर्थन, माँग बढ़ने के कारण हुई मुद्रास्फीति से निपटना और बुरी तरह से प्रभावित क्षेत्रों को लक्षित सहायता उपलब्ध कराने पर जोर दिया गया। उन्होंने सिंगापुर के प्रबंधित विकास और चंडीगढ़ के सुनियोजित विकास के माध्यम से शहरी विकास पर विचार व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि दुनिया भर में अधिकांश अच्छे शहर निरंतर पुनर्निवेश का परिणाम हैं। अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन नीति विश्लेषण संस्थान के वाइस चेयरमैन प्रो. सचिन चतुर्वेदी ने कहा कि इस तरह की व्याख्यान माला से वक्ताओं के नये-नये अनुभव सामने आते हैं। इन अनुभवों से मध्यप्रदेश के विकास की योजनाएँ बनाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि संसाधन सीमित हैं, इनके बेहतर उपयोग की नीति बनानी होगी। पोस्ट कोविड काल में जीवन के साथ ही व्यापारिक गतिविधियों और प्रदेश के हित में कुछ नया कैसे कर सकते हैं, इस पर विचार होना जरूरी है। इस दौरान संस्थान की सीईओ जी.व्ही. रश्मि, संचालक गिरीश शर्मा, प्रमुख सलाहकार एवं संपूर्ण स्टाफ उपस्थित था। हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश

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