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मासूम बालिका के साथ दरिंदगी करने वाले आरोपित को आजीवन कारावास

सिवनी, 08 फरवरी(हि.स.)। जिला न्यायालय के विशेष न्यायाधीश (बालको का संरक्षण अधिनियम 2012) सुमन उइके की न्यायालय ने सोमवार को जघन्य एवं सनसनीखेज के एक प्रकरण में धारा 376 (ए) (बी) भा.द.वि. के अपराध में आजन्म कारावास एवं 1000 रुपये अर्थदण्ड दिये जाने का निर्णय सुनाया है। साथ ही पीडित को प्रतिकर दिलाये जाने की अनुशंसा की है। जिला मीडिया सेल प्रभारी मनोज कुमार सैयाम ने बताया कि जिले के उगली थाना में वर्ष 2019 में धारा 376, 376(ए),(बी), भा.द.वि. एंव 5,6 पाक्सो अधिनियम 2012 दर्ज किया गया था। दर्ज प्रकरण में आरोपित अंशुल (19) पुत्र सुरेश गिरी गोस्वामी निवासी उगली थाना क्षेत्र के द्वारा 11 मार्च 2019 की शाम 05.30 बजे 03 वर्ष 06 माह की मासूम बालिका को को गांव की ओर घुमाने के बहाने रोड तरफ ले जाया गया और जहां ग्राम के स्कूल के मैदान पर मासूम बालिका की रोने की आवाज सुनकर नन्ही बालिका की दादी और मां गई जहां पर स्कूल की परछी के धान के सब कंट्रोल में धान की ढुलाई कर रहे हमालों के द्वारा आरोपित अंशुल को पकडकर रखा गया था और नन्ही बालिका को भी गोद में हमालों ने उठाया रखा था। बताया गया कि वहां मौजूद हमालो ने पीडिता के परिवारजनों को बताया कि आरोपित अंशुल निवस्त्र होकर नन्ही बालिका के साथ गलत कार्य कर रहा था जिसे उन लोगो ने पकड लिया। जिसकी पीडिता के परिवारजनों ने उगली थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। जिस पर पुलिस ने मामला दर्ज कर विवेचना में लेकर जांच उपरांत प्राप्त साक्ष्यों के आधार पर आरोपित के विरूद्ध अभियोग पत्र माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया था। जिसकी सुनवाई सोमवार 08 फरवरी को विशेष न्यायाधीश श्रीमति सुमन उइके (बालको का संरक्षण अधिनियम 2012), की न्यायालय में की गई। बताया गया कि अभियोजन के तर्को के आधार पर न्यायालय ने आरोपित अंशुल गिरी गोस्वामी को सर्वाधिक दंड प्रावधानित धारा 376 (ए) (बी) भा.द.वि. के अपराध में आजन्म कारावास जो कि प्राकृतिक जीवन काल के लिए होने एंव 1000 रुपये अर्थदण्ड दिये जाने का निर्णय सुनाया और पीडिता को प्रतिकर दिलाये जाने की अनुशंसा की है। हिन्दुस्थान समाचार/रवि सनोडिया-hindusthansamachar.in

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