MP Election: कौन है मप्र विधानसभा चुनाव में BJP से टिकट पाने वाले सांसद गणेश सिंह? देखें इनका राजनीतिक सफर

MP News: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी का नया प्रयोग, अपने 7 सांसदों को विधानसभा चुनाव का टिकट देकर सियासी गलियारो में मचायी खलबली
Ganesh Singh
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मध्य प्रदेश, रफ्तार डेस्क। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2023 का सभी को बड़ी बेसब्री से इंतज़ार है। सभी दलों ने जनता को लुभाने के लिए एक रणनीति के तहत कार्य किया और अपने मुद्दे जनता के सम्मुख रखे। इन्ही मुद्दों के साथ, बीजेपी ने अपने 7 सासंदो को मध्य प्रदेश विधानसभा से टिकट देकर प्रदेश की राजनीति में खलबली मचा दी है। प्रदेश ही नहीं, अपितु पूरे देश मे बीजेपी की इस रणनीति की काफी चर्चा हो रही है। आज हम मध्यप्रदेश विधानसभा का टिकट पाने वाले 7 सांसदों में से सांसद गणेश सिंह के राजनीतिक सफर और उनकी प्रोफाइल पर एक नज़र डालेंगे।

सतना से सांसद गणेश सिंह की प्रोफाइल पर एक नज़र

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के चलते सतना से बीजेपी के सांसद गणेश सिंह भी चर्चा के विषय बने हुए हैं। उन्हें मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव लड़ने की जिम्मेदारी मिली है। बीजेपी ने अपने वरिष्ठ सांसदों को मध्य प्रदेश चुनाव में खड़ा करके अपने विरोधियों के लिए बहुत बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। गणेश सिंह एक कृषक परिवार से हैं। उन्होंने लगातार 3 बार अपने मध्य प्रदेश लोकसभा निर्वार्चन क्षेत्र सतना से सांसद का चुनाव जीता है। उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव में बसपा के सुखलाल कुशवाहा को हराया था।

प्रोफाइल पर एक नज़र

नाम:- गणेश सिंह

जन्म:- 2 जुलाई 1962

जन्म स्थान:- ग्राम पंचायत खमहरिया, जिला सतना , मध्य प्रदेश

शिक्षा:- एल.एल.बी./ एम.ए

राजनीतिक यात्रा की शुरूआत:- 1995-1999 तक जिला परिषद, सतना के सदस्य के तौर पर हुई।

2. वर्ष 2004 में गणेश सिंह 14वीं लोकसभा में सतना से सदस्य (सांसद) चुने गए थे।

3. गणेश सिंह मध्य प्रदेश में सतना निर्वाचन क्षेत्र से लगातार तीन बार सांसद का चुनाव जीते हैं।

4. इस बार गणेश सिंह को भारतीय जनता पार्टी ने मध्य प्रदेश के सतना से विधानसभा चुनाव 2023 का दावेदार बनाया है।

उनके जन्म, शिक्षा और परिवार का विवरण

गणेश सिंह का जन्म 2 जुलाई 1962 को ग्राम पंचायत खमहरिया, जिला सतना , मध्य प्रदेश राज्य में हुआ था। वह अपने पिता कमल भान सिंह और माता फूलमती सिंह की सात संतानों में से दूसरे हैं। उन्होंने अपनी एम.ए की शिक्षा अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, रीवा मध्य प्रदेश से प्राप्त की और एल.एल.बी. की शिक्षा लॉ कॉलेज, सतना, मध्य प्रदेश से प्राप्त की थी। उनकी पत्नी का नाम मोना सिंह है, जिनसे उनको दो बेटे है।

उनकी राजनीतिक यात्रा

गणेश सिंह 1995-1999 तक जिला परिषद, सतना के सदस्य रहे थे। उन्होंने 1999 - 2004 तक जिला पंचायत, सतना के अध्यक्ष का पदभार संभाला। वर्ष 2004 में गणेश सिंह 14वीं लोकसभा के सदस्य (सांसद) चुने गए थे। 5 अगस्त 2007 को मानव संसाधन विकास संबंधी स्थायी समिति के सदस्य और उद्योग संबंधी स्थायी समिति के सदस्य चुने गए।

2009 में 15वीं लोकसभा के लिए पुनः निर्वाचित हुए, यह उनका सांसद का दूसरा कार्यकाल था। 6 अगस्त 2009 को सार्वजनिक उपक्रम समिति के सदस्य बने। 31 अगस्त 2009 को ऊर्जा संबंधी स्थायी समिति के सदस्य बने। 2011-2016 को भाजपा मध्य प्रदेश के सचिव बने। 3 मई 2013 को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के कल्याण संबंधी समिति के सदस्य बने थे।

मई, 2014 को 16वीं लोकसभा के लिए पुनः निर्वाचित हुए, यह उनका सांसद का तीसरा कार्यकाल था। 14 अगस्त 2014 (आगे) को प्राक्कलन समिति के सदस्य बने। 13 जून 2014 (आगे) को व्यवसाय सलाहकार समिति के सदस्य बने। 1 सितम्बर 2014 (आगे) को नियम समिति के सदस्य, रेलवे संबंधी स्थायी समिति के सदस्य, सलाहकार समिति के सदस्य, सड़क परिवहन और राजमार्ग और जहाजरानी मंत्रालय के सदस्य, नर्सिंग काउंसिल ऑफ इंडिया के कार्यकारी सदस्य और भाजपा संसदीय दल के सचिव चुने गए।

13 मई 2015 - 20 जुलाई 2016 तक भूमि अधिग्रहण के सदस्य, पुनर्वास और पुनर्स्थापन में उचित मुआवजा और पारदर्शिता का अधिकार (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2015 पर संयुक्त समिति के सदस्य रहे। 3 जुलाई 2015 - 30 अप्रैल 2016 तक उप समिति- II के सदस्य, 'रेलवे के वित्त' विषय पर अनुमान समिति के सदस्य रहे।

26 अगस्त 2015 - 30 अप्रैल 2016 तक 'पंचायती राज' विषय पर प्राक्कलन समिति की उप-समिति के सदस्य रहे। 19 जुलाई 2016 से आगे अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण समिति के अध्यक्ष रहे। 20 जुलाई 2016 से आगे भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्स्थापन में उचित मुआवजा और पारदर्शिता का अधिकार (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2015 पर संयुक्त समिति के अध्यक्ष रहे। मई, 2019 को 17वीं लोकसभा के लिए पुनः निर्वाचित हुए, उनका सांसद का यह चौथा कार्यकाल है। 09 अक्टूबर 2019 से आगे विशेषाधिकार समिति के सदस्य रहे। 13 सितंबर 2019 से आगे श्रम, कपड़ा और कौशल विकास संबंधी स्थायी समिति के सदस्य रहे 31 जुलाई 2019 से आगे अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण समिति के अध्यक्ष रहे।

13 सितंबर 2021 से आगे संचार और सूचना प्रौद्योगिकी पर स्थायी समिति के सदस्य और सलाहकार समिति, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के सदस्य हैं।

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