गुना-पीलीघटा के बीच 75 कि.मी. की रफ्तार से दौड़ेंगी रेल गाडिय़ां
गुना 29 दिसंबर (हि.स.)। बीना-गुना रेलखंड पर गुना से पीलीघटा तक 20 किमी रेल लाइन दोहरीकरण का काम पूरा होने के बाद मंगलवार को रेल संरक्षा आयुक्त ने निरीक्षण किया। उन्होंने पीलीघटा से गुना तक ट्राली से चार घंटे में ट्रेक व अन्य तकनीकी काम को देखा। इसके बाद सभी स्टेशनों पर पैनल रूम, डबल लाइन सिग्नल, इंटरलॉकिंग आदि का निरीक्षण करने के बाद ट्रेक पर 75 किमी प्रतिघंटा की गति से रेल गाडिय़ां चलाने की हरी झंडी दे दी है। रेल संरक्षा आयुक्त मध्य वृत्त मुंबई अरविंदकुमार जैन मंगलवार को गुना पहुंचे। इस दौरान भोपाल रेल मंडल के डीआरएम उदय बोरवणकर के अलावा इंजीनियरिंग, परिचालन, इलेक्ट्रिकल, सिग्नल एवं दूर संचार विभाग के वरिष्ठ अधिकारी सहित रेल विकास निगम लिमिटेड के अधिकारी साथ रहे। सुबह 10 बजे आयुक्त जैन पीलीघटा स्टेशन पहुंचे, जहां से उन्होंने छोटी ट्राली डबल लाइन का निरीक्षण किया। करीब चार घंटे में आयुक्त 20 किमी की दूरी तय कर गुना पहुंचे। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि उन्होंने ट्रेक के अलावा डबल लाइन से जुड़े हर बिंदु की बारीकी से जांच की। इस दौरान उन्होंने स्टेशन और प्लेटफार्म का भी निरीक्षण किया, जिसमें इंटरलॉकिंग, सिग्नल, डिस्प्ले युनिट, पैनम रूम आदि का भी बारीकी से जायजा लिया। इसके बाद आयुक्त ने टीम के साथ विद्युत इंजन से गुना से पीलीघटा तक 105 किमी प्रतिघंटा की गति से ट्रेक की क्षमता को भी परखा। कार्य की गुणवत्ता से संतुष्ट होकर रेल संरक्षा आयुक्त ने गुना-पीलीघटा के बीच डबल लाइन पर विद्युत इंजन से प्रारंभिक रूप से 75 किमी प्रतिघंटे की गति से रेल गाड़ियों के संचालन की स्वीकृति दी है। इसके साथ ही अशोकनगर से रुठियाई तक डबल रेल लाइन पर गाड़ियों का परिचालन शुरू हो जाएगा। इधर, रेलवे अधिकारियों ने बताया कि आयुक्त ने कुछ छोटी खामियां बताई हैं, जिन्हें एक महीने में दुरुस्त करने कहा है। इसके बाद उक्त ट्रेक पर 110 की गति से ट्रेन चलने लगेंगी। दोहरीकरण से रेल गाड़ियों की बढ़ेगी रफ्तार दरअसल, सांसद डॉ. केपी यादव द्वारा भोपाल मंडलीय क्षेत्र के सांसदगणों के साथ हुई बैठक के दौरान मांग रखी गई थी कि उनके क्षेत्र में रेलवे का विकास होना चाहिए। रेल प्रशासन द्वारा दोहरीकरण का कार्य बड़ी ही तीव्र गति से किया गया। रेल लाइन का दोहरीकरण हो जाने से इस खंड पर गाड़ियों की रफ्तार बढ़ेगी, क्योंकि, कोटा मंडल के पॉवर हाउसों में कोयले की आपूर्ति के लिए इस रेलखंड पर मालगाड़ियों का भारी दबाव रहता है। दोहरीकरण हो जाने से मालगाड़ियों के परिचालन में सरलता और क्षेत्र का आर्थिक विकास भी होगा हिन्दुस्थान समाचार / अभिषेक-hindusthansamachar.in