जिले के गोदामों में चार माह से भंडारित 68 हजार क्विंटल धान, मिलिंग के लिए तैयार नहीं मिलर

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अनूपपुर, 19 जून (हि.स.)। जिले में उपार्जित 7 लाख 10 हजार क्विंटल धान पिछले चार माह से चारो विकासखंड अनूपपुर, कोतमा, जैतहरी और पुष्पराजगढ़ के विभिन्न गोदाम, मंडी परिसर और ओपन कैप में भंडारित हैं। जिनका अबतक मिलिंग नहीं कराया गया है। वहीं मानसून सीजन के आरम्भ होने से अब इन भंडारित धान के खराब होने की आशंकाएं बढ़ गई है। लेकिन नागरिक आपूर्ति विभाग और जिला खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा उसके मिलिंग को लेकर अबतक कोई कार्ययोजना नहीं बनाई है। जिसका परिणाम है कि शहडोल जिले के हवाई पट्टी परिक्षेत्र में भंडारित लाखों क्विंटल धान अब खराब होने लगे हैं। बताया जाता है कि जिले के मिलरों ने इस वर्ष धान मिलिंग करने से इंकार कर दिया है। वहीं, विभागीय अधिकारियों का कहना है कि यह स्थिति प्रदेश स्तर में बनी हुई है। सभी जिलों में धान भंडारित हैं। वहीं अधिकारियों ने बताया कि गोदाम और कैप में भंडारित बोरियों में बंद धान सुरक्षित है, लेकिन ओपन कैप में जमीन पर बनाए गए स्टैक में नीचे की बोरियों के नमी के कारण खराब होने का खतरा बना हुआ है। अगर एकाध महीने तक धान की बोरियों का उठाव नहीं होता है तो कैप में जमीन पर स्टैक में लगे नीचे की बोरियां सड़ जाएगी। विभागीय जानकारी के अनुसार जिले में धान उपार्जन का कार्य 15 नवम्बर से 15 जनवरी तक किया गया है। जिसमें उपार्जन के साथ ही मिलिंग के लिए धान मिल भेज दिए जाते थे। लेकिन इस वर्ष जून तक मिलरों ने धान ही नहीं उठाया है। जिले के 29 उपार्जन केन्द्रों में पंजीकृत किसान की संख्या 16883 जिसमे से 13498 किसानों ने कुल उपार्जन 710221.71 क्विंटल अपनी उपज बेची वहीं भुगतान ऋण सहित- 798280209.00 रिजेक्ट धान 20808.907 क्विंटल। पुराने दर पर तैयार नहीं मिलर, 4 माह से नहीं किया उठाव विभागीय जानकारी के अनुसार नई धान खरीदी नीति के अनुसार अब प्रदेश में होने वाले धान क्रय में उपार्जित धान का 60 फीसदी एफसीआई और 40 प्रतिशत प्रदेश को आवंटन कराते हुए मिलिंग किया जाना है। जिसमें एफसीआई के मानकों के अनुसार 24 फीसदी टूटन माना गया है, जबकि यही प्रदेश स्तर पर मिलर द्वारा 28-32 फीसदी टूटन के साथ चावल की उपलब्धता कराते हैं। हालंाकि प्रदेश और केन्द्र के लिए मानक एक ही है। वहीं बताया जाता है कि मिलर पुराने दर पर इस वर्ष मिलिंग के लिए भी तैयार नहीं हुए। लक्ष्य से अधिक, सवा लाख क्विंटल धान अन्य जिले में भंडारित जिले में इस वर्ष 7 लाख उपार्जन का लक्ष्य अनुमानित किया गया था। जिसमें विभाग द्वारा 7 लाख 10 हजार क्विंटल से अधिक धान उपार्जित किया गया है। इससे पूर्व 2019 में यह लक्ष्य 5 लाख था। इस प्रकार इस वर्ष 2 लाख अधिक धान का उपार्जन हुआ। लेकिन जिले के लिए सबसे बड़ी समस्या उसके भंडारण को लेकर बनी। जिले में 4 लाख क्विंटल क्षमता की ओपन कैप के साथ गोदामों में लगभग 6 लाख क्विंटल धान भंडारित हैं। जबकि गोदाम के अभाव में 1 लाख 30 हजार क्विंटल के आसपास अन्य जिले में भंडारित किए गए हैं। जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी एके श्रीवास्तव ने बताया कि अभी तक धान उठाव के लिए कोई आदेश नहीं मिले हैं। सभी जिलों में धान भंडारित है, मिलर धान नहीं उठा रहे हैं। अब आगे के निर्देश में आगे की कार्रवाई की जाएगी। हिन्दुस्थान समाचार/ राजेश शुक्ला

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