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महाराष्ट्र में बंधुआ बनाए गए 7 बच्चों समेत 19 मजदूरों को कराया मुक्त

खरगौन, 15 फरवरी (हि.स.)। खरगौन पुलिस द्वारा महाराष्ट्र में बंधुआ बनाकर रखे गए सात बच्चों समेत 19 मजदूरों को मुक्त कराया गया और उन्हें सकुसल अपने गृह गांव वापस पहुंचाया गया। खरगौन पुलिस अधीक्षक शैलेन्द्र सिंह चौहान ने सोमवार देर शाम को बताया कि ग्राम रतीगढ़ देहरी निवासी प्रेम सिंह ने गत 12 फरवरी को प्रेमसिंह महाराष्ट्र में अपने परिजन व गांव वालों को बंधुवा मजदूर रखकर काम कराने की शिकायत की थी। मामले की गंभीरता को समझते हुए एएसपी जितेंद्रसिंह पंवार व डॉ. नीरज चौरसिया तथा एसडीओपी मानसिंह ठाकुर को हर हाल में इनकी रिहाई कराने के निर्देश दिए। पुलिस अधीक्षक चौहान द्वारा गठित दल ने त्वरित कार्रवाई करते हुए शिकायतकर्ता द्वारा बताए गए स्थान और जो व्यक्ति मजदूरी के लिए ले गया था, उनके बीच लगातार संवाद जारी रखा। बताया गया कि महाराष्ट्र के बीड़ जिले में खातेवाड़ी और पंडरपुर जिले के देगांव गांव में बंधुवा मजदूरी करा रहे हैं। पुलिस अधीक्षक के अनुसार महाराष्ट्र गए पुलिस दल ने बताए गए स्थानों पर बंधुवा मजदूरों की तलाशी शुरू की। गठित टीम ने बीड़ के पुलिस अधीक्षक व स्थानीय पुलिस के साथ समन्वय कर बंधकों के स्थान पर पहुंचे। पुलिस ने यहां देखा कि खरगोन के मजदूर परिवारों से जबरदस्ती काम कराया जा रहा है। पुलिस ने सभी मजदूरों को छुड़वाया और उन्हें वापस लाया गया। बंधकों को महाराष्ट्र से लेकर पहुंचे खरगोन पुलिस अधीक्षक चौहान के अनुसार मजदूरों से पूछताछ करने पर 3 व्यक्ति देहरी बड़वाह, 2 व्यक्ति काबरी-धुलकोट, 5 व्यक्ति घोड़ी बुजुर्ग चैनपुर, 1 व्यक्ति बुरहानपुर एवं 7 बच्चों की जानकारी दी गई। कुल 11 मजदूरों और सात बच्चों को पुलिस ने बंधकों से छुड़वाते हुए गृह गांव पहुंचाया। गृह गांव पहुंचे मजदूरों का परिजनों व गांव वालों ने पुष्पहारों से स्वागत किया। वहीं बीड़ पुलिस द्वारा आरोपित धनराज पुत्र जना किडके निवासी खाडेवाली तहसील माझलगांव थाना सिरसला जिला बीड़ के विरूद्ध महाराष्ट्र में धारा 370, 344, 324 व 506 भादवि का प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। कार्रवाईमें सहायक उप निरीक्षक अजय दुबे, आरक्षक रोबी यादव, श्रम निरीक्षक निलेश कुमार उईके, राहुल मुवेल व जन साहस संस्था के कर्मचारियों का योगदान रहा। हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश-hindusthansamachar.in

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