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10 प्रतिशत स्टाफ से चल रहा आरटीओ दफ्तर, फिर भी नहीं काम

08/05/2021 काम नहीं है इसलिए नहीं है कोई पेंडेंसी उज्जैन,08 मई(हि.स.)। कोरोनाकाल में जनता कर्फ्यू चल रहा है। इस कारण से मोटर वाहनों की एजेंसियां बंद हैं। न तो नए वाहन बिक रहे हैं और न ही बसों के कारण परमिट बन रहे हैं। ऐसे में आरटीओ दफ्तर में कोविड-19 के तहत आ रहा 10 प्रतिशत स्टॉफ खाली हाथ बैठा हुआ है। आरटीओ संतोष मालवीय के अनुसार कोविड-19 में जिला प्रशासन द्वारा आरटीओ के 90 प्रतिशत स्टॉफ को विभिन्न कामों में सहयोगी के रूप में ड्यूटी पर भेज रखा है। जो 10 प्रतिशत स्टॉफ इस समय कार्यालय में आता है,वह भी खाली हाथ ही बैठा हुआ है। इस समय सिर्फ वे ही काम हो रहे हैं,जोकि ऑन लाइन हो सकते हैं। जनता कर्फ्यू के कारण न तो लोगों की आवाजाही है और न ही कोई काम। मोटर वाहनों की एजेंसियां बंद होने से नए वाहन बिक नहीं रहे हैं। इसलिए यहां पर पंजीयन का काम बंद हैं। वहीं लोक परिवहन के वाहनों की आवाजाही बंद होने से वाहनों के परमिट भी नहीं बन रहे हैं। यही कारण है कि यहां परिसर में एजेंटों की टेबलें भी खाली है और सन्नाटा पसरा हुआ है। एजेंटों का काम बंद है इस समय जनता कर्फ्यू के कारण आरटीओ परिसर में टेबल लगाकर लोगों की वाहन संबंधी समस्याओं का समाधान करवाने ओर लायसेंस,परमिट आदि बनवाने का काम करनेवाले एजेंट भी इस समय फुर्सत में है। चूंकि उनके पास कोई काम नहीं है और जनता कर्फ्यू चल रहा है,ऐसे में परिसर में सन्नाटा पसरा हुआ है। चर्चा में एजेंटों का कहना है कि उनके घर रोजाना की इनकम से चलते थे,वह बंद होने के कारण आर्थिक समस्याओं ने घेर लिया है। हिंदुस्थान समाचार/ललित ज्वेल

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