कर्नाटक में कांग्रेस की जीत के बाद बड़ा सवाल, कौन होगा सीएम डीके शिवकुमार या सिद्धारमैया?

कर्नाटक में कांग्रेस की जीत के लिए डीके शिवकुमार की बड़ी भूमिका मानी जा रही है क्योंकि उन्होंने राज्य में कांग्रेस को जीत दिलाने के लिए सोनिया गांधी से पहले ही वादा कर दिया था।
कौन होगा सीएम डीके शिवकुमार या सिद्धारमैया?
कौन होगा सीएम डीके शिवकुमार या सिद्धारमैया?

नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। कांग्रेस पार्टी ने कर्नाटक चुनाव में 131 सीटों पर जीत और 5 सीटों पर बढ़त बनाते हुए भारी बहुमत के साथ जीत दर्ज कर ली है। यह परिणाम और रुझान शाम साढ़े सात बजे तक के हैं। इसी के साथ दिल्ली सहित पूरे देश में पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच खुशी की लहर है। इसी खुशी के माहौल में लोगों के और कार्यकर्ताओं के मन में एक सवाल उठ रहा है। अब कर्नाटक की राज गद्दी पर किसका अभिषेक होगा? बहरहाल, इसके दो बड़े दावेदार माने जा रहे हैं। एक पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और दूसरे कांग्रेस के कर्नाटक प्रदेश अध्यक्ष डीके शिव कुमार। सीएम पद के लिए इन दोनों को प्रबल दावेदार माना जा रहा है।

शिवकुमार ने सोनिया गांधी से किया अपना वादा निभाया

कर्नाटक में कांग्रेस की जीत के लिए डीके शिवकुमार की बड़ी भूमिका मानी जा रही है क्योंकि उन्होंने राज्य में कांग्रेस को जीत दिलाने के लिए सोनिया गांधी से पहले ही वादा कर दिया था। शिवकुमार ने कांग्रेस को जीत दिलाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंककर पार्टी को बहुमत का आंकड़ा पार कराने में अहम भूमिका निभाई। ऐसे में उनके इस वादे को निभाने को लेकर पार्टी में उनकी एक अलग पहचान बनी है। साथ ही शिवकुमार ने इससे पहले कर्नाटक विधानसभा में भी अहम भूमिका अदा की थी। डीके शिव कुमार को कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का कई मायनों में बहुत करीबी माना जाता है। इसलिए उन्हें पार्टी में संकटमोचक भी कहा जाता है। इन सभी बिंदुओं को देखते हुए कहा जा सकता है कि शिवकुमार सीएम पद के प्रबल दावेदार हैं।

सिद्धारमैया के बेटे ने कहा कर्नाटक के सीएम उनके पिता ही बनेंगे

सिद्धारमैया कर्नाटक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं। साथ ही वो कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री भी रहे चुके हैं। ऐसे में पूर्व सीएम और उनके राजनीतिक अनुभव को लेकर उनको सीएम की कुर्सी के लिए प्रबल दावेदार माना जा रहा है। इसी के संबंध में उनके बेटे यतीन्द्र ने रुझानों के दौरान ही जता दिया था कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री तो उनके पिता ही बनेंगे। इसी के साथ कांग्रेस आला कमान के लिए इन दोनों में से किसी को एक चुनना टेढ़ी खीर जैसा होगा। कर्नाटक की राजनीति में तीन समुदाय का दबदबा माना जाता है। वोक्कालिगा, लिंगायत और कुरुबा। सिद्धारमैया कुरुबा समुदाय से आते हैं तो वहीं, शिवकुमार को भी वोक्कालिगा समाज से आने का फायदा मिला है। इसी के साथ प्रदेश में राजनीतिक रूप से दोनों की स्थिति मजबूत है।

पार्टी की आलाकमान के हाथ में रहेगा फैसला?

कर्नाटक में विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा होने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने पार्टी की अंदुरुनी स्थिति को समझते हुए एक बयान जारी कर साफ कर दिया था कि प्रदेश में सीएम पद को लेकर कार्यकर्ता न सोचें, ये काम पार्टी आलाकमान का है। इसके अलावा खड़गे ने कहा था कि इसपर ध्यान लगाने की जगह 150-160 सीटें जीताने पर ध्यान देना चाहिए। इस बात से भी समझा जा सकता है कि पार्टी ने कुर्सी को लेकर होने वाली लड़ाई को पहले ही साफ कर दिया था। बता दें खड़गे के इस बयान के समय सिद्धारमैया और शिवकुमार के अलावा राहुल गांधी भी मौजूद थे।

क्या आलाकमान का होगा आखिरी फैसला?

ये बात एकदम स्पष्ट है कि कर्नाटक में कांग्रेस को जीत दिलाने में राहुल और खड़गे के अलावा सिद्धारमैया और शिवकुमार की अहम भूमिका रही है। शिवकुमार ने कनकपुरा सीट से सवा लाख से ज्यादा वोट हासिल कर जीत दर्ज की। वहीं, सिद्धारमैया ने वरुणा सीट से करीब सवा लाख वोट प्राप्त कर विरोधी पार्टी बीजेपी के उम्मीदवार को करारी मात दी। इसके लिए दोनों ने जमीन पर रहकर काम किया। बहरहाल, इससे भी साफ नहीं होता कि कर्नाटक का सीएम कौन होगा। क्योंकि मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कर्नाटक में सीएम पद के लिए विधायक दल की बैठक में किसे सीएम बनाया जाएगा, इसके लिए कांगेस की ओर से भेजे गए केंद्रीय पर्यवेक्षक द्वारा ही फैसला लिया जाएगा।

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