नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल की अपनी चुनावी रैलियों में नया नैरेटिव बनाने की कोशिश की कि कांग्रेस ने किस तरह तरह कर्नाटक में मुसलमानों को आरक्षण दिया। मोदी और भाजपा ने कांग्रेस और मुसलमानों को निशाना बनाया। उन्होंने आरोप लगाया कि कर्नाटक में मुसलमानों को आरक्षण कांग्रेस सरकार ने दिया।
पहली बार कब मिला मुस्लिम आरक्षण
रिकॉर्ड बताते हैं कि मुस्लिम आरक्षण पहली बार 1995 में एचडी देवेगौड़ा की जनता दल सरकार द्वारा लागू किया गया था। दिलचस्प बात यह है कि देवगौड़ा की जेडीएस (जनता दल सेक्युलर) अब भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की सहयोगी है। वो कर्नाटक में भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है।
पीएम मोदी का अटैक
मध्य प्रदेश में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस को ओबीसी का सबसे बड़ा दुश्मन बताते हुए कहा कि एक बार फिर कांग्रेस ने कर्नाटक में छुप कर ओबीसी के साथ सभी मुस्लिम जातियों को शामिल कर धार्मिक आधार पर आरक्षण दिया है। इस कदम से ओबीसी समुदाय को आरक्षण के एक महत्वपूर्ण हिस्से से वंचित कर दिया गया है।
कर्नाटक ओबीसी आरक्षण का इतिहास
1995 में, देवेगौड़ा सरकार ने कर्नाटक में मुसलमानों को ओबीसी कोटा के भीतर एक विशिष्ट वर्गीकरण, 2बी के तहत चार प्रतिशत आरक्षण दिया था। कर्नाटक सरकार के 14 फरवरी, 1995 के एक आदेश में इस बात पर प्रकाश डाला गया कि यह निर्णय चिन्नप्पा रेड्डी आयोग की रिपोर्ट के विचारों का पालन करता है और समग्र आरक्षण को 50 प्रतिशत तक सीमित करने के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का पालन करता है।
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