नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। कर्नाटक में 5 बजे तक 66.05 फीसद वोटिंग दर्ज की गई। सुबह 11 बजे तक वोटर टर्नआउट 24.48 फीसद रहा। इस साल लोकसभा चुनाव 2024 में शिमोगा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में पूर्व मुख्यमंत्रियों के बच्चों और एक दिग्गज नेता के मैदान में होने से त्रिकोणीय चुनावी लड़ाई बन गई है। तो वहीं, कांग्रेस ने ने गुरुवार को खरगे के दामाद राधाकृष्ण डोड्डामणि को खरगे की कर्नाटक की पारंपरिक सीट गुलबर्गा से मैदान में उतारा है। खरगे 2009 और 2014 से यहां से ही चुनाव जीते थे, लेकिन वो 2019 में चुनाव हार गए थे।
5 बजे तक कर्नाटक का वोटर टर्न आउट
5 बजे तक 66.05 फीसद मतदान हुआ। 1 बजे तक 41.59 फीसद वोटिंग दर्ज की गई थी। सुबह 11 बजे तक कर्नाटक में 24.28 फीसद वोटिंग दर्ज की गई। जबकि 9 बजे तक कर्नाटक में 9.45 फीसद दर्ज की गई थी।
शिमोगा में त्रिकोणीय लड़ाई
त्रिकोणीय लड़ाई के लिए मंच तैयार करते हुए, भाजपा के बागी नेता केएस ईश्वरप्पा इस सीट पर निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं। निर्दलीय चुनाव लड़ने के फैसले के बाद श्री ईश्वरप्पा को छह साल के लिए भाजपा से निष्कासित कर दिया गया था। अनुभवी नेता ने पांच बार शिवमोग्गा विधानसभा का प्रतिनिधित्व किया है। शिमोगा में 2009 से येदियुरप्पा और बंगारप्पा के दो राजनीतिक परिवारों के बीच आमना-सामना देख रहा है।
गुलबर्गा से खरगे के दामाद राधाकृष्ण चुनाव में
सूत्रों के अनुसार, राधाकृष्ण डोड्डामणि एक व्यापारी हैं जो शैक्षणिक संस्थानों का प्रबंधन भी करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि वह शुरू में चुनाव मैदान में उतरने के लिए अनिच्छुक थे, लेकिन अंततः उन्होंने पार्टी की बात मान ली। कालाबुरागी में जन्मे डोड्डामणि ने लो प्रोफाइल बनाए रखा है। उन्होंने खरगे के चुनावी अभियानों के प्रबंधन और रणनीति बनाने में हमेशा पर्दे के पीछे सक्रिय रूप से काम किया है।
अन्य खबरों के लिए क्लिक करें:- www.raftaar.in