नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। इस साल लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे लोकसभा चुनाव लड़ते नहीं दिख रहे। बता दें कि कांग्रेस के उम्मीदवारों की तीसरी सूची में भी उनका नाम नहीं है। पार्टी ने गुरुवार को खरगे के दामाद राधाकृष्ण डोड्डामणि को उनकी ही कर्नाटक की पारंपरिक सीट गुलबर्गा से मैदान में उतारा है। खरगे 2009 और 2014 से यहां से ही चुनाव जीते थे, लेकिन वो 2019 में चुनाव हार गए थे।
खरगे संभाल रहे है पार्टी की राष्ट्रीय स्तर पर कई जिम्मेदारियां
खरगे को इस साल टिकट ना देने के पिछे कारण कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने बताया। उन्होंने कहा कि क्योंकि खरगे के पास पहले से ही कई जिम्मेदारियां हैं, इसलिए उन्हें टिकट नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि खरगे पार्टी की राष्ट्रीय स्तर पर कई जिम्मेदारियां संभाल रहे हैं। साथ ही पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच समन्वय करना होता है। साथ ही, राज्यसभा में उनका कार्यकाल अभी खत्म नहीं हुआ है।
बेटे प्रियांक ने नहीं दिखाई लोकसभा चुनाव लड़ने में दिलचस्पी
खरगे के बेटे प्रियांक खरगे, जो फिलहाल गुलबर्गा में चित्तपुर विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं और कर्नाटक सरकार में मंत्री हैं। सूत्रों के अनुसार प्रियांक खरगे को लोकसभा चुनाव लड़ने में दिलचस्पी नहीं थी इसलिए पार्टी ने उनके दामाद राधाकृष्ण डोड्डामणि को टिकट दी। सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने इस मामले में अंतिम फैसला लिया।
खरगे के दामाद राधाकृष्ण भी नहीं लड़ना चाहते थे चुनाव
सूत्रों के अनुसार, राधाकृष्ण डोड्डामणि एक व्यापारी हैं जो शैक्षणिक संस्थानों का प्रबंधन भी करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि वह शुरू में चुनाव मैदान में उतरने के लिए अनिच्छुक थे, लेकिन अंततः उन्होंने पार्टी की बात मान ली। कालाबुरागी में जन्मे डोड्डामणि ने लो प्रोफाइल बनाए रखा है। उन्होंने खरगे के चुनावी अभियानों के प्रबंधन और रणनीति बनाने में हमेशा पर्दे के पीछे सक्रिय रूप से काम किया है।
खबरों के लिए क्लिक करें:- www.raftaar.in