कर्नाटक कांग्रेस ने धर्मांतरण विरोधी कानून होगा रद्द, पाठ्य पुस्तकों से हटेंगे हेडगेवार के चैप्टर

कांग्रेस सरकार ने पिछली सरकार द्वारा लागू धर्मांतरण विरोधी कानून को वापस ले लिया है। शिक्षा मंत्री मधु बंगारप्पा ने बताया कि राज्य में स्कूली पाठ्य पुस्तकों से हेडगेवार का चैप्टर भी हटाया गया है।
Karnataka Congress repeals anti-conversion law
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नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। कर्नाटक में सरकार बदलने के साथ ही राज्य की नई कांग्रेस सरकार ने पिछली सरकार द्वारा लागू धर्मांतरण विरोधी कानून को वापस लेने का फैसला लिया है। इस कानून को भाजपा की सरकार लेकर आई थी। इस कानून के खात्मे के बाद अब चर्चा है की इसके बाद गोहत्या निरोधक कानून के सख्त प्रावधानों को भी कांग्रेस सरकार कमजोर कर सकती है। धर्मांतरण विरोधी कानून को आज सिद्धारमैया सरकार की कैबिनेट मीटिंग में ख़त्म करने का फैसला लिया गया।

पाठ्यपुस्तकों से हटेगा हेडगेवार का चैप्टर

कर्नाटक कैबिनेट ने पिछली भाजपा सरकार द्वारा पेश किए गए धर्मांतरण विरोधी कानून को रद्द करने के फैसले के बाद, कर्नाटक के शिक्षा मंत्री मधु बंगारप्पा ने बताया कि राज्य में स्कूली पाठ्य पुस्तकों से आरएसएस संस्थापक केबी हेडगेवार और अन्य के चैप्टर को हटाने का फैसला किया गया है। इसके साथ सावित्रीबाई फुले, इंदिरा गांधी को लिखे गए नेहरू के पत्रों और बीआर आंबेडकर पर कविता को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा।

बीजेपी ने किया पलटवार

सिद्धारमैया सरकार के धर्मांतरण धर्मांतरण विरोधी कानून को रद्द करने के फैसले के बाद बीजेपी की ओर से पलटवार किया गया है। कर्नाटक के पूर्व शिक्षा मंत्री और बीजेपी नेता बीसी नागेश ने कहा कि वे मुसलमानों के वोट चाहते हैं, सिद्धारमैया की सरकार हिंदुओं के खिलाफ है। वे हिजाब को फिर से पेश कर सकते हैंं। वे अल्पसंख्यकों के वोटों को आकर्षित करना चाहते हैं और हर चीज का राजनीतिकरण करना चाहते हैं। ये लोग अल्पसंख्यक के वोट हासिल करने के लिए कुछ भी कर सकते है। चर्चा है की कांग्रेस सरकार गोहत्या निरोधक कानून भी हटा सकती है। इनके मंत्री तो यहां तक कह चुके है यदि भैंसों को काटा जा सकता है तो गाय को क्यों नहीं।

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