गुमला,22 अक्टूबर ( हि.स.) । बरगीडांड गांव में बुधवार की रात दो समुदायों के बीच हिंसक टकराव की नौबत आ गयी थी। मगर आपसी सूझबूझ से यह टकराव टल गया। जानकारी के अनुसार चेंठली टोंगरी में पड़ोस के गांव खक्सीटोली के पच्चीस तीस आदिवासी युवक हरवे हथियार से लैस होकर रात में बोरहा ( जंगली सूअर) का शिकार करने के लिए पहुंचे थे। जंगली सुअर अक्सर जंगल से खेतों में आकर धान की फसल को चट कर जाता है । इससे कृषक काफी परेशान हो गए थे। वे टॉर्च की रोशनी में जंगली सुअर को मारने के लिए ढूंढ रहे थे । इधर बरगीडांड में निवास करने वाले मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदाय के लोग टोंगरी में एक साथ अनेक जलते टॉर्च की रोशनी देखी तो उन्हें किसी अनहोनी की आशंका हुई । क्योंकि उसी दिन अवैध बालू उत्खनन के मामले में सीओ नरेश कुमार मुंडा ने दो ट्रैक्टर को जब्त किया था। सीओ को गांव की महिलाओं ने सात घंटे तक बंधक बनाये रखा था । सुरक्षा व्यवस्था में रायडीह, सुर सांग और चैनपुर थाना पुलिस पहुंची थी। तब मामला शांत हुआ। ये लोग इससे मामले को लेकर काफी भयभीत थे। इन्हें संदेह हुआ को उनपर हमला करने के लिए आ रहें हैं। तब ये लोग भी हथियारबंद होकर कई टार्च जला कर ताल ठोकने लगें। तब उधर से जोर जोर से आवाज आई कि वे खक्सी टोली के ग्रामीण है। बोरहा मारने आए हैं । इन्होंने अपना अपना नाम भी बताया तब ये लोग पहचान गए । क्योंकि दोनों गांव आपस में पड़ोसी हैं । तब जाकर गलतफहमी दूर हुई और नजदीक जाकर आपस में सभी बातचीत किए और अपने अपने गांव लौट गएं । इस तरह खूनी संघर्ष टल गया। हिन्दुस्थान समाचार / हरिओम/वंदना-hindusthansamachar.in