मेनहर्ट के बाद खनन विभाग के घोटाले की राज खोलेंगे सरयू राय
मेनहर्ट के बाद खनन विभाग के घोटाले की राज खोलेंगे सरयू राय

मेनहर्ट के बाद खनन विभाग के घोटाले की राज खोलेंगे सरयू राय

हजारीबाग, 01 सितंबर (हि.स.)। विधायक सरयू राय ने मेनहर्ट घोटाले के बाद राज्य में खनन घोटाला का मामला खोलने की बात कही है। उन्होंने कहा कि जल्द ही खनन घोटाला को लेकर भी वे किताब लिखने का काम करेंगे। मंगलवार को हजारीबाग परिसदन में विशेष बातचीत करते हुए राय ने कहा कि वे पहले भी कह चुके हैं कि खनन विभाग में कई अवैध कार्य होते रहे हैं। मंत्रिमंडल की बैठक में भी उनके द्वारा कहा जा चुका हैं कि जिन्हें जेल जाना है, वह हस्ताक्षर करें। उन्हें तो जेल नहीं जाना है, इसलिए उन्होंने हस्ताक्षर नहीं किया। ऐसे में खनन विभाग के पूरे मामले को लेकर किताब लिखने वाले हैं। उन्होने कहा कि मेनहर्ट वाले मामले में वे मुख्यमंत्री से मिलेंगे और कार्रवाई की मांग करेंगे। विधानसभा अध्यक्ष परंपरा से अलग हटकर लें निर्णय उन्होंने बाबूलाल मरांडी को विधानसभा में विपक्ष का नेता बनाने के मामले में हो रही देरी के बाबत पूछने पर कहा कि उनका पहले से ही मानना है कि विधानसभा अध्यक्ष इन मामलों में परंपरा से अलग हटकर निर्णय लें। उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष को परंपरा से अलग हटकर निर्णय लेना चाहिए, अन्यथा जिस प्रकार से पिछली सरकार में झाविमो के 6 विधायकों के मामले का निर्णय चुनाव तक सामने नहीं आया, ऐसी ही स्थिति आनेवाले समय में भी दिखेगी। ऐसा होने पर अध्यक्ष पर से विश्वास समाप्त हो जाएगा और ऐसे मामलों के निष्पादन के लिए फिर से संशोधन करना होगा या फिर सर्वोच्च न्यायालय के पास जाना होगा। इसलिए विधानसभा अध्यक्ष को जल्द निर्णय लेना चाहिए। उन्होंने भाजपा को भी इस मामले में हठ का रूख त्याग कर कार्य करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि दूसरे किसी विधायक को भाजपा विधानसभा में विपक्ष का नेता बना सकती है और बाबूलाल को नियंत्रक या कोई और पद देकर काम कर सकती है। कोरोना को देखते हुए मेडिकल इमरजेंसी लागू हो कोरोना काल में अस्पतालों की अव्यवस्था की चर्चा किए जाने पर राय ने कहा कि सरकार को नियंत्रण के बजाय सुविधाएं बढ़ाने पर जोर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि जल्द ही 1000 बेड की व्यवस्था पूरे राज्य में करनी चाहिए, ताकि कोरोना के मरीजों को तत्काल सुविधा मिल सके। उन्होंने कहा कि जरूरतों को देखते हुए मेडिकल इमरजेंसी लगाए जाने पर भी विचार किया जाना चाहिए। ऐसा होने पर आमा लोगों को भी जरुरत के अनुसार शार्ट टर्म का प्रशिक्षण देकर कोरोना मरीजों की सेवा में लगाया जा सके। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोरोना के खिलाफ कार्य को युद्ध की संज्ञा दिए जाने को आधार बनाकर उन्होंने कहा कि युद्ध के समय सबको कमांडर की बात माननी चाहिए। केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्य में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की बात लोगों को माननी चाहिए। हिन्दुस्थान समाचार/शाद्वल / वंदना-hindusthansamachar.in

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