डीवीसी की 7 जिलों में फिर से बिजली काटे जाने की चेतावनी दुर्भाग्यपूर्ण: कांग्रेस
डीवीसी की 7 जिलों में फिर से बिजली काटे जाने की चेतावनी दुर्भाग्यपूर्ण: कांग्रेस

डीवीसी की 7 जिलों में फिर से बिजली काटे जाने की चेतावनी दुर्भाग्यपूर्ण: कांग्रेस

रांची, 07 दिसम्बर (हि.स.)। झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोरनाथ शाहदेव और राजेश गुप्ता छोटू ने सोमवार को डीवीसी द्वारा राज्य के 13 में से सात जिलों में फिर से बिजली काटे जाने की चेतावनी को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। प्रदेश प्रवक्ताओं ने कहा कि डीवीसी और भाजपा की मिलीभगत के कारण झारखंड जैसे पिछड़े राज्य को इस तरह की चेतावनी दी जा रही है और झारखंड सरकार को परेशान करने के लिए केंद्र की भाजपा नेतृत्व वाली एनडीए सरकार का भी शह मिल रहा है। दूबे ने कहा कि डीवीसी झारखंड के संसाधनों, जमीन, पानी और कोयला का उपयोग कर प्रतिवर्ष करोड़ों रुपया का मुनाफा कमा रही है, जबकि डीवीसी पर पानी-बिजली का अरबों रुपये बकाया है और जमीन देने वाले कई विस्थापित परिवारों को अब तक समुचित नौकरी तथा मुआवजा भी नहीं मिल पाया है, उस संबंध में डीवीसी के अधिकारी कुछ नहीं बोलते है, उल्टे धमकी देने का जनविरोधी काम किया जा रहा है, जिसका खामियाजा आने वाले समय में डीवीसी को ही उठाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती रघुवर दास सरकार में जानबूझ कर पूरे बिजली विभाग की व्यवस्था को तहस-नहस करने का काम किया गया, राज्य में अधिकांश समय तक भाजपा का शासन रहा, लेकिन बिजली उत्पादन में बढ़ोत्तरी की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया, यहां तक कि टीवीएलएल और सिकिदरी समेत राज्य की अन्य छोटी बिजली परियोजनाओं को भी बर्बाद कर छोड़ दिया गया, जिसके कारण झारखंड को आज डीवीसी जैसी कंपनियों की धमकियों का सामना करना पड़ रहा है। शाहदेव ने कहा कि पूर्ववर्ती रघुवर दास सरकार सरकार के समय से ही अधिकांश राशि बकाया है और पिछली सरकार में ही एक त्रिपक्षीय समझौता राज्य सरकार ने अपने अधिकारों को केंद्र सरकार को सौंप दिया, जिसके कारण सितंबर महीने में डीवीसी के बकाया भुगतान के एवज में आरबीआई में जमा राज्य के पैसे से सीधे 1714 करोड़ रुपये काट लिये गये थे। एक बार फिर कोरोना काल में जब केंद्र सरकार जीएसटी क्षतिपूर्ति का भुगतान भी नहीं कर पा रही है, वैसे समय में राज्य सरकार के पैसे को काटने की योजना बनायी जा रही है। छोटू ने कहा कि एक ओर डीवीसी झारखंड को महंगी दर पर बिजली उपलब्ध करा रहा है और बार-बार बिजली कटौती का दबाव बनाकर अनैतिक काम में जुटा है,ऐसे में राज्य सरकार को भी चाहिए कि अन्य कंपनियों से बिजली लेकर डीवीसी को भी आइना दिखाने का काम करें। उन्होंने कहा कि अब ग्रिड निर्माण का भी काम दुरुस्त हो चुका है, जिससे झारखंड को देश की अन्य कंपनियों से सस्ती दर पर बिजली मिलने में कोई कठिनाई नहीं होगी। हिन्दुस्थान समाचार /वंदना-hindusthansamachar.in

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