ग्रामीण इलाकों में थम नहीं रहा गजराजों का खूनी खेल
ग्रामीण इलाकों में थम नहीं रहा गजराजों का खूनी खेल

ग्रामीण इलाकों में थम नहीं रहा गजराजों का खूनी खेल

खूंटी, 09 दिसंबर(हि स)। रनिया प्रखंड के ग्रामीण इलाकों में जंगली हाथियों के आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। शायद ही कोई ऐसी रात गुजरती है, जब हाथी किसी गांव और खेत-खलिहानों में नुकसान न पहुंचाते हों। यही कारण करण है कि शाम ढलते ही गांव खासकर जंगल से सटे इलाकों में सन्नाटा पसर जाता है। पीड़ित ग्रामीण स्थानीय प्रशासन, जन प्रतिनिधि और वन विभाग के अधिकारियों से बार-बार गुहार लगाते रहते हैं कि उन्हें हाथियों के खूनी खेल से निजात दिलाई जाए, पर पीड़ित ग्रामीणों की आवाज अब तक अरण्य रोदन ही साबित हुई है। ऐसा नहीं है कि गजराजों का आतंक सिर्फ रनिया प्रखंड में है, बल्कि तोरपा, कर्रा, मुरहू सहित अन्य प्रखंडों में भी उनका उत्पात हर दिन जारी है। मंगलवार की रात भी हाथियों ने रनिया थाना क्षेत्र के काटांगेर, डाहू, मेरोमबीर, खटंगा पंचायत के खटंगा, टंगरकेला, चुरदाग सहित कई गांवों में उत्पात मचाया और कई घरों का तोड़कर वहां रखे अनाज और अन्य सामान को बर्बाद कर दिया। झामुमो नेताओं ने प्रभावितों से की मुलाकात झामुमो के नेता और तोरपा विधानसभा क्षेत्र से पार्टी प्रत्याशी सुदीप गुड़िया और प्रखंड अध्यक्ष रोशन कंडुलना के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने बुधवार को हाथियों के आतंक से त्रस्त कोटांगेर, डाहू, मेरोमबीर, खटंगा, टंगरकेला, चुरादाग आदि गांवों का दौरा किया और हाथियों द्वारा किये गये नुकसान का जायजा लिया। झामुमो नेताओं ने ग्रामीणों का आश्वस्त किया कि पीड़ितों की क्षतिपूर्ति का भुगतान कराया जायेगा। साथ ही बीडीओ से अंबेदकर आवास देने की मांग की जायेगी। बाद में झामुमो नेताओं ने वन विभाग के अधिकारियों से मुलाकात की और नुकसान की जानकारी देते हुए पीड़ितों को अविलंब मुआवजा देने का आग्रह किया। हिन्दुस्थान समाचार/अनिल-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in