केंद्र के कृषि बिल में करार केवल फसलों का होगा, जमीन का नहींः भाजपा
दुमका, 24 सितंबर (हि.स.)। केंद्र सरकार द्वारा पारित कृषि बिल भारत के कृषि इतिहास का ऐतिहासिक दिन है। जो नहीं केवल कृषि क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन लाएगा, बल्कि इससे करोड़ों किसान सशक्त होंगे। इसमे यह स्पष्ट प्रावधान है कि करार केवल फसलों के लिए होगा जमीन के लिए नहीं। जमीन पर मालिकाना हक किसी प्रकार से प्रभावित नहीं होगा। उक्त बातें भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष विनोद शर्मा ने गुरुवार को प्रेसवार्ता कर कर कही। उन्होंने कहा कि किसानों कि आय दोगुनी करने के लिए कृषि सुधार विधेयक लाने के लिए जिला भाजपा पीएम मोदी के नेतृत्व में स्वामी रामनाथन कमेटी की सिफारिशों को आधार बनाकर कृषि सुधार कानून लाया गया है। जिनमें कृषि उपज व्यापार एवं वाणिज्य संवर्धन एवं सरलीकरण विधेयक 2020 कृषि सशक्तिकरण व संरक्षण कीमत आश्वसन और कृषि सेवा कर करार विधेयक 2020 शामिल है। उन्होंने बताया कि दोनों विधेयक किसानों को बिचौलियों और तमाम अवरोधों से मुक्त करेगा। इस कृषि सुधार से किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए नए-नए अवसर मिलेंगे। जिससे उनका मुनाफा बढ़ेगा व हमारे कृषि क्षेत्र को आधुनिक टेक्नोलॉजी का लाभ मिलेगा। वहीं अन्नदाता सशक्त होंगे। उन्होंने विपक्ष पर किसानों को भ्रमित करने का साजिश बताया है। किसान अपनी उपज कृषि मंडी से बाहर जहां उन्हें अच्छी प्राइस मिले वहां बेच सकते हैं। एमएसपी, सरकारी खरीद और मंडियों को समाप्त नहीं किया जाएगा। राज्यों की मंडियां पूर्व की भांति कार्य करती रहेंगी, इसके अतिरिक्त भी किसानों को अपनी उपज देशभर में कहीं भी बेचने की स्वतंत्रता होगी। किसान अपनी फसल का सौदा सिर्फ अपने ही नहीं बल्कि दूसरे राज्य के लाइसेंसी व्यापारियों के साथ भी कर सकते हैं। इससे बाजार में प्रतिस्पर्धा होगी और किसानों को अपनी मेहनत के अच्छे दाम भी मिलेंगे। ई-प्लेटफार्म से कृषक अपने उत्पाद बेच सकेंगे। इस अवसर पर जिला मीडिया प्रभारी अजय गुप्ता, ओम केशरी उपस्थित थे। हिन्दुस्थान समाचार /नीरज/विनय-hindusthansamachar.in