जब भी अवसर मिला हिंदुस्तान ने कांग्रेस पर ही भरोसा जताया है : रामेश्वर
रांची, 09 जनवरी (हि. स.)। झारखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव, विधायक दल के नेता आलमगीर आलम, मंत्री बादल पत्रलेख, बन्ना गुप्ता, प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे सहित अन्य नेताओं ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी की ओर से जारी धरोहर श्रृंखला की 36वीं वीडियो को सोशल मीडिया पर अपलोड कर देश के वर्तमान पीढ़ियों को अवगत कराने का काम किया। उरांव शनिवार को राष्ट्र निर्माण की अपने महान विरासत कांग्रेस की श्रृंखला धरोहर की 36वीं वीडियो को अपने सोशल मीडिया व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम, फेसबुक एवं ट्विटर पर जारी करते हुए कहा कि जब भी अवसर मिला हिंदुस्तान ने कांग्रेस पर ही भरोसा जताया है। ऐसा ही अवसर 1937 में भी आया था जब प्रांतीय चुनाव के रूप में देश ने कांग्रेस पर अटूट भरोसा जताया था। धरोहर की इस कड़ी में उसी भरोसे की झलक दिखाई देती है। उरांव ने कहा कि 1937 के प्रांतीय चुनाव नतीजों ने स्पष्ट कर दिया था कि देश आजादी के बाद कांग्रेस के कंधों पर ही विकास की उड़ान भरने वाला है। प्रांतीय चुनाव के नतीजों ने ब्रिटिश हुकूमत के सूर्यास्त के साथ लोकतंत्र के उदय का भी संकेत स्पष्ट तौर पर दे दिया था। आज उस लोकतंत्र पर हमला किया जा रहा है। आवाजों को कुचला जा रहा है, अधिकार मांगने पर किसान तक को खालिस्तानी से लेकर आतंकवादी तक क्या-क्या नहीं बोला जा रहा है। इस लोकतंत्र को बचाना हम सबकी जिम्मेदारी है तभी भरोसा वापस लौटेगा। उन्होंने कहा कि आजादी का संघर्ष खुद के शासन के लिए था। लगातार लड़ाई, संघर्षों, आंदोलनों, बलिदानों के बाद 1935 में जब प्रांतीय स्वशासन का अधिकार भारतीयों को मिला। 1935 के भारत सरकार अधिनियम के जरिए भारतीयों ने प्रांतीय शासन के प्रबंध का जो अधिकार हासिल किया था उसके चलते 1937 में पहली बार भारत में प्रांतीय चुनाव करवाए गए। पहले प्रांतीय चुनाव में देश ने कांग्रेस पर जमकर भरोसा जताया और सांप्रदायिक दुष्प्रचार को दरकिनार करते हुए हर धर्म, जाति, संप्रदाय ने कांग्रेस के पक्ष में भारी मतदान करते हुए 707 सीटों पर जीत दिलाई। इस तरह कांग्रेस सबसे बड़े दल के रूप में उभरी। देशवासियों के इस भरोसे और समर्थन के बदौलत कांग्रेस 11 में से सात प्रांतों में अपनी सरकार बनायी। कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने कहा कि देशवासियों का यह भरोसा और समर्थन कांग्रेस ने आजादी के कड़े संघर्ष की बदौलत हासिल किया था, कांग्रेस ने सरकार तभी बनाई जब ब्रिटिश हुकूमत ने बाकायदा यह माना कि गवर्नर जनरल बेवजह सरकारों में हस्तक्षेप नहीं करेंगे। क्योंकि कांग्रेस स्वतंत्र शासन के अपने विचार से पीछे हट कर देशवासियों का भरोसा नहीं तोड़ना चाहती थी। मंत्री बादल पत्रलेख एवं बन्ना गुप्ता ने कहा कि आगे चलकर जब दूसरे विश्व युद्ध में अंग्रेज हुकूमत ने बगैर भारतीय विधानमंडल की सहमति के भारत को युद्ध में झोंका तो कांग्रेस के प्रांतीय मंत्री मंडलों ने एक पल में इस्तीफा दे दिया और कहा कि आखिर जब लड़ाई ही आजादी के लिए लड़ी जा रही थी तो देश के स्वाभिमान से समझौता कैसे किया जा सकता था। हिन्दुस्थान समाचार/कृष्ण-hindusthansamachar.in