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पूर्णिया के जिहादियों पर कठोर कार्रवाई कर पीड़ित महा-दलितों को मिले न्याय: विहिप

रांची, 22 मई (हि.स.)। बिहार के पूर्णिया में इस्लामिक जिहादियों की ओर से हिंसक हमले पर चिंता व्यक्त करते हुए विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने पीड़ित माह-दलित परिवारों को शीघ्र न्याय की मांग की है। विहिप के केन्द्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने शनिवार को कहा है कि बीते बुधवार आधी रात को सैंकड़ों मुसलमानों की हथियारों से लैस भीड़ ने हमला कर लगभग दो दर्जन घरों को आग के हवाले किया। मेवा लाल राय नामक हिन्दू महा-दलित की हत्या कर दी। गर्भवती महिला का सिर फोड़ दिया, अन्य बहिन-बेटियों, बच्चों व बुजुर्गों तक पर अमानवीय अत्याचार तथा धार-दार हथियारों से हमले किए। कहा जा रहा है कि इन हमावरों में बांग्लादेशी व रोहींग्या मुस्लिम घुसपैठिए भी शामिल थे। घटना के तीन दिन बीतने पर भी ना तो अपराधी पकड़े गए और ना ही पीड़ितों की सुरक्षा, सहायता या पुनर्वास के विषय में कुछ हुआ। उन्होंने मांग की है कि हमलावरों पर सुसंगत धाराओं में एफआईआर दर्ज कर गिरफ़्तारी हो। साथ ही पीड़ित परिवारों की सुरक्षा, आर्थिक सहायता व पुनर्वास के लिए स्थानीय प्रशासन की ओर से सार्थक कदम अबिलंब उठाए जाएं। परांडे ने कहा है कि पूर्णिया ज़िले के बायसी अनुमंडल के मंझवा गांव के खपरा पंचायत में 19 मई बुधवार को अर्ध रात्रि में मुस्लिम समुदाय के दुवारा महादलितों पर ढहाए गए महा-कहर ने बंगाल में इसी माह हुए क्रूर हिंसक हमलों को दोहरा कर, हिन्दू समाज के धैर्य की परीक्षा लेने का पुन: दुस्साहस किया है। हमले, मारपीट, लूटपाट, हिंसा व आगजनी की इन जघन्य घटनाओं पर स्थानीय पुलिस, प्रशासन व शासन की उदासीनता भी बेहद चिंतनीय है। लोगों के मन में यह शंका है कि स्थानीय जन-प्रतिनिधियों के दबाव के कारण ही ऐसा हो रहा है। उन्होंने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, राष्ट्रीय महिला आयोग, राष्ट्रीय बाल आयोग तथा राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग को भी मामले में स्वत: संज्ञान लेकर तत्काल उचित कार्यवाही करने की मांग की है। विहिप महामंत्री ने यह भी कहा कि इस जघन्य हमले ने “मीम-भीम” के नारे की भी पुन: पोल खोल दी है। छुद्र राजनैतिक लाभ के लिए, ऐसे झूँठे नारों कि आड़ में ही हिन्दू समाज के इस पराक्रमी दलित समुदाय को हिंसा का शिकार बनाया जाता रहा है। हमारे अनुसूचित जाति व जन-जाति के बंधु-भगिनियों को इनसे भ्रमित ना होकर, अत्यंत सावधान रहने की आवश्यकता है। हिन्दुस्थान समाचार/ विकास

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