इस कठिन दौर में धैर्य एवं संयम अपनाने की आवश्यकता : कामिनी कुमार

there-is-a-need-to-adopt-patience-and-patience-in-this-difficult-period-kamini-kumar
there-is-a-need-to-adopt-patience-and-patience-in-this-difficult-period-kamini-kumar

29/04/2021 रांची, 29 अप्रैल (हि.स.)।रांची विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई एवं यूनीसेफ के संयुक्त तत्वावधान में गुरुवार को कोविड -19 महामारी के कारण उत्पन्न संकट के आलोक में होम आइसोलेशन तकनीक विषय पर एक दिवसीय वेबिनार का आयोजन हुआ। इस वेबिनार की मुख्य अतिथि रांची विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ कामिनी कुमार ने कहा कि कोविड-19 के इस कठिन दौर में धैर्य और संयम से काम लेने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय से दिए गए नियमों का पालन करें। साथ ही 15 से 20 मिनट योग और प्राणायाम प्रतिदिन करें। उन्होंने एनएसएस के स्वयंसेवकों को कहा कि वे जागरुकता फैलाएं कि अब घर में भी मास्क लगाना जरूरी है। स्वयं को स्वस्थ रखें तभी समाज स्वस्थ रह पाएगा। एनएसएस, गुवाहाटी के क्षेत्रीय निदेशक दीपक कुमार ने कहा कि वर्तमान चैलेंज को अपॉर्चुनिटी में बदलना होगा। आज आप एनएसएस के कार्यकर्ता के रूप में ऑनलाइन कितनी सेवा दे सकते हैं, यह महत्वपूर्ण है। एक या दो मिनट का वीडियो बनाकर यूट्यूब पर, सोशल मीडिया पर आप डालें और इसका फैलाव करें। व्हाट्सएप पर जागरुकता अभियान चलाए। जागरूकता अभियान के लिए पोस्टर भी बना सकते हैं। सकारात्मक विचार संप्रेषित करने में यह सब महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे । टीकाकरण जागरूकता अभियान भी एनएसएस के कार्यकर्ताओं को चलाना आवश्यक है। यूनीसेफ की कम्युनिकेशन पदाधिकारी आस्था अलंग ने कहा कि जो रोगी उतने गंभीर नहीं हैं, चिकित्सकों ने उन्हें घर पर अलग रहना और दवाएं लेने की सलाह दी है तथा स्वस्थ आहार लेने की बात कहीं है, जिसे पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोविड 19 में होम आइसोलेशन पर केंद्रित यह वेबिनार एन एस एस के स्वयंसेवकों को जागृत करेंगे एवं वे इसका संदेश अपने समुदायों तक ले जाएंगे। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन झारखंड और यूनिसेफ की तरफ से डॉ वनेश माथुर ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से समझाया कि घर पर इलाज से कोविड-19 के मरीज को क्या फायदे हैं। उन्होंने कहा कि अस्पताल से लगने वाले इंफेक्शन से पेशेंट बच सकता है और समुदाय के लोग सुरक्षित रहेंगे। जब पेशेंट होम आइसोलेशन में रहेगा तब ज्यादा अच्छी देखभाल हो सकती है लेकिन आइसोलेशन में तभी रहे जब डॉक्टर की सलाह आपको मिले । उन्होंने झारखंड सरकार के स्वसुरक्षा एनआईसीडॉटइन वेबसाइट की जानकारी दी और कहा कि उसके लिए आप इस साइट से कंसल्ट कर सकते हैं। 104 टोल फ्री नंबर है जहां आप मेडिकल एडवाइस के लिए कॉल कर सकते हैं। कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन एनएसएस रांची विश्वविद्यालय के कार्यक्रम समन्वयक डॉ ब्रजेश कुमार ने किया। हिन्दुस्थान समाचार/कृष्ण/चंद्र

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in