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डीवीसी का मुख्यालय झारखंड लाने के लिए शीघ्र ही तीनों राज्यों के सचिव स्तर की वार्ता करायी जायेगी: मंत्री

रांची, 23 मार्च (हि.स.)।झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के अखिरी दिन मंगलवार को ध्यानाकर्षण के दौरान विधायक सरफराज अहमद ने दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) से संबंधित मामला उठाया। सरफराज अहमद ने सवाल में कहा कि डीवीसी का कमांड एरिया झारखंड है तो मुख्यालय भी रांची आना चाहिए। इस सवाल के जवाब में पता चला कि जो एग्रीमेंट 1948 में हुआ था वह पेपर ही गायब है। एग्रीमेंट पेपर ना तो बंगाल के पास है ना ही बिहार के पास। सरफराज अहमद ने कहा कि डीवीसी एग्रीमेंट का हवाला देकर झारखंड के साथ हकमारी करता है। उन्होंने मांग की है कि डीवीसी उपेक्षा कर रहा है, तो उस पर कार्रवाई की जानी चाहिए। इसका जवाब देते हुए मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने बताया कि जिस करार के साथ राज्य में डीवीसी की स्थापना हुई थी, उसके कागजात उपलब्ध नहीं हैं। पेपर गायब है। बिहार सरकार और पश्चिमी बंगाल सरकार से लागातार पत्राचार के बाद भी यह झारखंड सरकार को उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। सरकार ने सदन को आश्वस्त किया कि कागजात उपलब्ध कराने तथा डीवीसी का मुख्यालय झारखंड लाने के लिए शीघ्र ही तीनों राज्यों के बीच सचिव स्तर की वार्ता कराई जाएगी। सत्र में सरफराज अहमद ने बताया कि बिजली, कोयला, पानी सब हमारा है और बिजली बंगाल को जाता है। इसके बावजूद राज्य सरकार को डीवीसी परेशान ही कर रही है। उन्होंने कहा कि जब डीवीसी का कमांड एरिया झारखंड में है, तो इसकी ऑफिस भी रांची में होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि किसी भी पब्लिक सेक्टर यूनिट्स का कार्यालय झारखंड में है। उन्होंने कहा कि जब बिहार था उस वक्त डीवीसी का चेयरमैन अगर बंगाल का होता था तो सेक्रेट्री बिहार का होता था। वर्तमान में ऐसा नहीं लगता कि झारखंड के किसी भी अधिकारी को सेक्रेटरी या चेयरमैन बनाया गया हो। सरकार को इस पर भी विचार करना चाहिए। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सदन में कहा था कि विपक्ष सहयोग करे तो राज्य सरकार डीवीसी के विरुद्ध कार्रवाई करेगी। यह सरकार को हमेशा आंख दिखाता है। हिन्दुस्थान समाचार/ विकास

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