rss-will-celebrate-the-birthday-of-mother-earth-on-pratipada-year
rss-will-celebrate-the-birthday-of-mother-earth-on-pratipada-year

वर्ष प्रतिपदा के दिन धरती मां का जन्मदिन मनायेगा आरएसएस

-13 से 27 अप्रैल तक पूरे देश में चलेगा भूमि सुपोषण अभियान रांची, 23 मार्च (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के झारखंड प्रांत के सह प्रांत कार्यवाह राकेश लाल ने कहा कि संघ 13 अप्रैल को वर्ष प्रतिपदा यानी भारतीय नववर्ष के दिन पूरे देश में धरती मां का जन्मदिन मनाएगा। वे मंगलवार को रांची के निवारणपुर स्थित संघ के प्रांत कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मां जब बीमार रहेगी तब बच्चा खुश कैसे रहेगा। ज्यादा से ज्यादा रसायनिक खादों के उपयोग के कारण आज धरती मां बीमार होती जा रही है। इसलिए संघ ने धरती मां को बीमारी से बचाने के लिए मिट्टी की रक्षा करने का निर्णय किया है। भारतीय नववर्ष के दिन ही ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी। इसलिए उस दिन देश के हजारों स्थानों पर स्वयंसेवक मिट्टी की पूजा करेंगे। साथ ही 15 दिनों का भूमि सुपोषण अभियान की शुरुआत करेंगे। यह अभियान 27 अप्रैल तक चलेगा। राकेश लाल ने कहा कि प्रतिनिधि सभा की बैठक में निर्णय हुआ है कि ग्राम विकास, पर्यावरण संरक्षण और कुटुंब प्रबोधन के कामों पर स्वयंसेवक विशेष ध्यान देंगे। शाखा तो स्वयंसेवक लगाते ही हैं लेकिन समाज की बेहतरी के लिए भी स्वयंसेवक काम करेंगे। अभी देश में सबसे बड़ी समस्या यह है कि मिट्टी की उर्वरा शक्ति समाप्त होती जा रही है। गांव को विकसित करना है तो मिट्टी की चिंता करनी होगी। इसलिए संघ ने मिट्टी की उर्वरा शक्ति बनाए रखने के लिए रासायनिक खेती का कम से कम उपयोग करने के लिए लोगों को प्रेरित करने का निर्णय किया है। इस अभियान में समाज के सभी वर्ग के लोगों को जोड़ने की योजना है। उन्होंने कहा कि श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए सार्वजनिक न्यास ‘‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र’’ का गठन अयोध्या में भव्य मंदिर के निर्माण कार्य को प्रारंभ करने के लिए किया गया अनुष्ठान एवं निधि समर्पण अभियान भारत के इतिहास का वह स्वर्णिम पृष्ठ बन गया है, जो आने वाली पीढ़ियों को भी प्रेरणा देगा। आभासी माध्यमों से समस्त हिन्दू समाज इस कार्यक्रम में भागीदारी कर समाज के सभी वर्गों और राजनैतिक दलों ने एकमत होकर इस कार्यक्रम का स्वागत किया। मकर संक्रांति के पवित्र दिन भारत के राष्ट्रपति के निधि समर्पण और दिल्ली स्थित भगवान वाल्मीकि मंदिर में पूजा से अभियान प्रारंभ हुआ। समाज के सभी वर्गों ने अभियान में बढ़-चढ़कर लिया हिस्सा उन्होंने कहा कि 44 दिन का यह अभियान विश्व इतिहास का सबसे बड़ा संपर्क अभियान सिद्ध हुआ है। लगभग 5.5 लाख से अधिक नगर-ग्रामों के 12 करोड़ से अधिक रामभक्त परिवारों ने भव्य मंदिर निर्माण के लिए अपना समर्पण किया है। समाज के सभी वर्गों और मत-पंथों ने इस अभियान में बढ़-चढ़कर सहभागिता की है। ग्रामवासी-नगरवासी से लेकर वनवासी और गिरिवासी बंधुओं तक, सम्पन्न से सामान्य जनों तक सभी ने इस अभियान को सफल बनाने में अपना भरपूर योगदान दिया। झारखंड में इस निमित्त 23467 गांव के 3408784 परिवारों से प्रत्यक्ष सम्पर्क किया गया। इस भावनात्मक कार्य में कुल 25868 पुरुष और 3218 मातृ शक्ति का यानी कुल 29086 कार्यकर्ताओं की प्रत्यक्ष भागीदारी रही। इस अभियान ने एक बार पुनः यह सिद्ध किया है कि संपूर्ण देश भावात्मक रूप से सदैव श्रीराम से जुड़ा हुआ है। कोविड-19 में स्वंसेवकों का कार्य उल्लेखनीय उन्होंने कहा कि कोरोना काल में स्वयंसेवकों ने देशभर में सेवा भारती के माध्यम से 92,656 स्थानों पर सेवा कार्य किए। इसमें 5,60,000 कार्यकर्ता सक्रिय रहे। 73 लाख राशन किट वितरित किए गए। 4.5 करोड़ लोगों को भोजन पैकेट वितरित किए गए। 90 लाख मास्क का वितरण किया गया। 20 लाख प्रवासी लोगों की सहायता की गई। इसके अलावा 2.5 लाख घुमंतू लोगों की सहायता की गई। 60 हजार यूनिट रक्तदान भी किया गया। केवल संघ ही नहीं, समाज के अनेक संगठनों, मठ, मंदिर, गुरुद्वारों ने भी समाज की सेवा की। इस महामारी के बचाव के लिए झारखंड में भी संघ के स्वयंसेवकों ने अद्वितीय कार्य किया। कुल 5730 सेवा स्थानों पर 77476 सेवारत कार्यकर्ताओं ने 85465 राशन किट, 494817 तैयार भोजन पैकेट, 167580 मास्क, 78305 सेनेटाइजर एवं साबुन, 10243 दूध पैकेट, 783 रक्तदान, 44233 पैकेट आयुर्वेदिक काढ़ा, जनजागरण के लिए 6348 स्थानों पर दीवाल लेखन, 22640 कर पत्रक वितरण, 27749 शारिरिक दूरी चिन्ह सहित प्रवासी जनों के लिए 186 भोजन वितरण केंद्र, 22 स्वास्थ्य केंद्र एवं 114 रेलवे और बस स्थानको पर सहायता किया गया। इस दौरान 2563 घुमन्तु बन्धुओं का भी सहयोग किया गया। तीन वर्षों में संघ कार्य को हर मंडल तक पहुंचाने की योजना राकेश लाल ने कहा कि अगले तीन वर्षों में भारत में संघ कार्य को हर मंडल तक पहुंचाने की योजना है। 58 हजार मंडलों तक संघ कार्य पहुंचाने को लेकर योजना बनी है। कोरोना संकट के कारण दीवाली तक शाखा नहीं लग सकी थी। इसके पश्चात आवश्यक गाइडलाइन का पालन करते हुए धीरे-धीरे शाखाएं प्रारंभ हुईं। झारखंड में 482 स्थानों के 96 प्रतिशत और 724 शाखाओं में से 87 प्रतिशत शाखा प्रारम्भ हो चुकी हैं। 258 खण्डों में 72 प्रतिशत प्रखण्ड और 1264 मंडलों में से 26 प्रतिशत कार्ययुक्त तथा 17 प्रतिशत सम्पर्कयुक्त हैं। शेष तीन वर्षों में कार्ययुक्त करने की योजना है। पत्रकार वार्ता में सह प्रांत संघचालक अशोक कुमार श्रीवास्तव, प्रान्त प्रचारक दिलीप कुमार, प्रान्त प्रचार प्रमुख धनंजय कुमार सिंह और प्रान्त ग्राम विकास प्रमुख महेंद्र प्रसाद उपस्थित थे। हिन्दुस्थान समाचार /वंदना/चंद्र

Raftaar | रफ्तार
raftaar.in