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पाबंदियों को कुछ शर्तों के साथ लागू रखने की जरूरत : रामेश्वर

रांची, 24 मई (हि. स.)। प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रामेश्वर उरांव ने कोरोना संक्रमण का चेन तोड़ने के लिए स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के तहत राज्यभर में लागू पाबंदियों के सकारात्मक परिणाम पर संतोष जताया है। उन्होंने पार्टी की ओर से राज्य सरकार से यह मांग की है कि अभी 27 मई के बाद भी सप्ताह-दस दिनों तक इन पाबंदियों को कुछ शर्तों के साथ लागू रखने की जरूरत है। रामेश्वर उरांव ने सोमवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा बुलायी गयी कैबिनेट मंत्रियों की वर्चुअल बैठक में पार्टी की ओर से कई अन्य सुझाव भी रखे। उन्होंने कहा कि झारखंड की अधिकांश आबादी ग्रामीण इलाकों में रहती है, सभी ने राज्य सरकार द्वारा कोरोना संक्रमण के चेन को तोड़ने के लिए स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के तहत लागू की गयी पाबंदियों और स्थिति से निपटने के लिए उठाये गये कदम की सराहना की है। हालांकि, इस दौरान लोगों की मौत होने पर कपड़ा दुकान बंद रहने पर कफन खरीदने में हो रही कठिनाईयों का जिक्र करते हुए उन्होंने शर्तां के साथ कुछ छूट देने की भी वकालत की। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस चिंता को जायज मानते हुए यह घोषणा की है कि अब किसी की भी मौत होने पर राज्य सरकार की ओर से निःशुल्क कफन उपलब्ध कराया जाएगा। उरांव ने कहा कि राज्य में संक्रमण दर में कमी आयी है, लेकिन मृत्यु दर पर अब भी अंकुश नहीं लग पाया गया है। इसलिए अभी सतर्कता जरूरी है। उन्होंने कहा कि लोगों की सुविधा के लिए राज्य सरकार की ओर से ई-पास की व्यवस्था लागू की गयी है, लेकिन यह भी देखने को मिल रहा है कि ग्रामीण क्षेत्रों में शादी-विवाह और अन्य सामाजिक कार्यक्रमों में 250 से 500 की भीड़ जमा हो रही है, जबकि राज्य सरकार ने शादी समारोह के लिए सिर्फ 11 लोगों की अनुमति दी है। इसलिए इस तरह की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए ग्रामीण इलाकों में भी कठोर कदम उठाये जाने की जरुरत है। उरांव ने कहा कि कोरोना संक्रमण के बीच बड़ी संख्या में बाहर से लोग वापस गांव लौटे है। ग्रामीण क्षेत्रों में कई लोग खांसी, बुखार और सर्दी से पीड़ित है। इससे निपटने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में अवस्थित अस्पतालों में उपलब्ध व्यवस्था को सुदृढ़ करने की जरूरत है। अभी स्थिति यह हो गयी थी कि इन क्षेत्रों के डॉक्टरों और नर्सों को शहरी क्षेत्र में प्रतिनियुक्त कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि वैक्सीनेशन को लेकर कुछ लोगों द्वारा भ्रम भी फैलाया जा रहा है। इससे निपटने के लिए सरकार वैक्सीनेशन के लिए लक्षित समूह पर ध्यान दें, शिक्षकों, पीडीएस डीलरों और अन्य सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए परिवार के साथ वैक्सीन लेने के आदेश को अनिवार्य किया जाए। उन्होंने तीसरी लहर पर अंकुश के लिए भी प्रभावी तरीके से कदम उठाने की सलाह दी। उन्होंने यह भी सलाह दी कि पोस्ट-कोविड प्रभाव से निपटने के लिए जगह-जगह फिजियोथेरेपी सेंटर की भी व्यवस्था जरूरी है। हिन्दुस्थान समाचार/कृष्ण

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