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उत्तर प्रदेश के बलिया में बंधुआ मजदूर बने तोरपा के चार लोगों को पुलिस ने कराया मुक्त

खूंटी, 24 फरवरी (हि.स.)। रोजगार की तलाश में घर-परिवार को छोड़कर उत्तर प्रदेश गये तोरपा प्रखंड के बांसटोली गांव के चार मजदूरों को बलिया जिले के सोनबरसा में बंधुआ मजूदर बना लिया। जब परिजनों ने इसकी जानकारी तोरपा प्रखंड की उप प्रमुख सोफिया सुल्ताना को हुई, तो उन्होंने इसकी सूचना तोरपा थाना पुलिस को दी। उप प्रमुख और पुलिस के प्रयास से चार बंधुआ मजदूरों को रिहा करा लिया गया। बुधवार को दो युवक और दो युवतियां सकुशल अपने घर लौट आये। जानकारी के अनुसार बांसटोली गांव के सानू धानए सुम्बर सिंह मुंडाए पुनम धान व अश्रिता तोपनो कई महीने पहले रोजगार की तलाश में घर से निकले थे। सभी सोनबरसा के एक पाल्ट्री फार्म काम कर रहे कर रहे थे। 20 फरवरी उनके परिजनों ने उप प्रमुख सोफिया सुल्ताना को उनकी व्यथा बताई तथा फोन से बात कराई। युवतियों ने बताया कि पूनम को मिर्गी का दौरा आने लगा था। उसके इलाज के लिए घर लौटना चाहते थे। उन्हें कई महीनों से मजदूरी भी नहीं दी गयी। उन्हें साढ़े छह हजार प्रतिमाह की मजदूरी दी जा रही थी। तोरपा में इलाज की बात सुन उनका मालिक सभी चार मजदूरों का आधार कार्ड जब्त करना चाहा, ताकि वे भाग न सकें। सानू ने बताया कि उन्हें समय से न पैसा मिलता था और न ही खाना। उपप्रमुख सोफिया सुल्ताना ने उनकी पीड़ा सुनने के बाद थाना प्रभारी अरविंद कुमार से संपर्क किया। उसके बाद बंधक बनाने वाले मालिक से बात की शुरूआत हुई, पर मालिक पुलिस की बात को अनसुना कर बंधक बने मजदुरों को धमकी देने लगा, पर जब सख्ती बरती गई, तो उन्हें पूरा वेतन देकर रिहा कर दिया। इसके बाद चारों देवरिया रेलवे स्टेशन पहुंचे और वहां से रांची आये। हिन्दुस्थान समाचार/अनिल

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