भारत सरकार  के 59 चाइनीज एप बैन करने से भारत की साइबर सुरक्षा को मिलने वाली मजबूती और लोगों की निजी जानकारी की गोपनीयता पर हुई चर्चा
भारत सरकार के 59 चाइनीज एप बैन करने से भारत की साइबर सुरक्षा को मिलने वाली मजबूती और लोगों की निजी जानकारी की गोपनीयता पर हुई चर्चा

भारत सरकार के 59 चाइनीज एप बैन करने से भारत की साइबर सुरक्षा को मिलने वाली मजबूती और लोगों की निजी जानकारी की गोपनीयता पर हुई चर्चा

रांची, 16 जुलाई ( हि.स.) पत्र सूचना कार्यालय, रांची और एमिटी यूनिवर्सिटी झारखंड के संयुक्त तत्वावधान में गुरुवार को 'भारत सरकार द्वारा 59 चाइनीज एप बैन करने से भारत की साइबर सुरक्षा को मिलने वाली मजबूती और लोगों की निजी जानकारी की गोपनीयता विषय पर वेबिनार का आयोजन किया गया। इस वेबिनार को संबोधित करते हुए एमिटी यूनिवर्सिटी, झारखंड के कुलपति प्रो. डॉक्टर रमन कुमार झा ने कहा कि चाइनीज एप्स को भारत में बैन किए जाने का फैसला स्वागत योग्य है। चीन अपने एप्स के जरिए भारत के नागरिकों की व्यक्तिगत जानकारियां चोरी-छुपे चुरा रहा था। सरकार के इस कदम से भारत के इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी क्षेत्र और इन्नवोशन के लिए काम कर रहे युवाओं-छात्रों को बेहतरीन मौका मिला है कि वो भारतीय एप विकसित करें और भारत की सॉफ्टवेयर निर्माण की क्षमता को और मजबूती प्रदान करें। उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए इंटरनेट के उपयोग में सब्सिडी दी जाए ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक इसकी पहुंच हो सके। उन्होंने शिक्षा ऋण को ब्याजमुक्त करने की भी मांग की ताकि जरूरतमंद छात्र आसानी से ऋण लेकर अपनी पढ़ाई पूरी कर सकें और भारत को ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में अग्रणी बनाएं। उन्होंने कहा कि कारोना वायरस को लेकर उत्पन्न यह हालात छात्रों के लिए डिप्रेशन का नहीं बल्कि सेलिब्रेशन का समय है। पत्र सूचना कार्यालय के अपर महानिदेशक अरिमर्दन सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि हमारे देश में करीब 56 करोड़ इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं। एक लोकतांत्रिक देश होने के नाते हमारे देश में नागरिकों की निजता की सुरक्षा का कानून है। हमारे देश में कई इंटरनेट यूजर्स ऐसे हैं जो तकनीक के कम जानकार हैं, ऐसे में उनका डेटा चीनी कंपनियों के एप्स के जरिए असानी से चुराया जा सकता है। इसलिए यह बैन एक स्वागतयोग्य कदम है। चीन के एप्स पर प्रतिबंध लगाने के बाद भारत सरकार ने डिजिटल इंडिया आत्मनिर्भर भारत इन्नोवेशन चैलेंज के तहत भारत के तकनीकी उद्यमियों और युवाओं से विभिन्न क्षेत्रों में भारतीय एप विकसित करने के लिए एक प्रतियोगिता भी शुरू की है। जिसमें सिर्फ भारतीय नागरिक और यहां की कंपनियां भाग ले सकती हैं। इसके तहत चुने जाने वाल एप्स के विजेताओं को आकर्षक पुरस्कार भी दिया जाएगा। सरकार का यह कदम डिजिटल इंडिया के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सहायक सिद्ध होगा, साथ ही भारत की साइबर सुरक्षा भी मजबूत होगी। एमिटी यूनिवर्सिटी के निदेशक प्रोफेसर (डॉ) अजीत कुमार पांडेय ने कहा कि साम्यवादी चीन में सरकार ने हर क्षेत्र में अपना हस्तक्षेप रखा है। इसलिए इससे इंकार नहीं किया जा सकता है कि चीनी एप्स के सर्वर में भारतीयों की गोपनीय जानकारी सुरक्षित रह सके। भारत सरकार के इस फैसले से चीन को काफी बड़ा झटका लगा है, लेकिन इससे भारत को इससे कुछ नुकसान नहीं है। जिन चाइनीज एप को बैन किया गया है, उनमें से अधिकतर जीवनशैली से जुड़े थे न कि वे शिक्षाप्रद थे। कई एप्स में युवाओं द्वारा अशोभनीय वीडियो भी पोस्ट किए जाते थे, जो भारतीय संस्कृति के लायक नहीं थे। बैन किए गए चीनी एप्स में कुछ ऐसे भी थे जिनका बड़े पैमाने पर कागजातों को स्कैन करने में उपयोग किया जाता था। इनमें से कई दस्तावेज गोपनीय और राष्ट्रीय सुरक्षा से भी जुड़े होते थे। अब जब इन्हें बैन कर दिया गया है तो भारत में निर्मित एप इनकी जगह लेंगे और जानकारी भी देश में सुरक्षित रहेगी। वेबिनार में सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के निदेशक राजीव लोचन बख्शी ने भी हिस्सा लिया। इस वेबिनार का संचालन एमिटी यूनिवर्सिटी की डॉ. कस्तूरी सहाय ने किया जबकि रीजनल आउटरीच ब्यूरो, रांची से ओंकार नाथ पांडेय, गौरव कुमार पुष्कर, फील्ड आउटरीच ब्यूरो से महविश रहमान, दूरदर्शन और आकाशवाणी रांची के समाचार संपादक और संवाददाता, विभिन्न समाचार पत्रों के संपादक और संवाददाता, आरओबी और एफओबी के सभी क्षेत्रीय प्रचार सहायक, तकनीकी सहायक, कार्यालय सहायक, अभिजीत बेलथरिया और यूनिर्सिटी के छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। हिंदुस्थान समाचार /विनय/सबा एकबाल-hindusthansamachar.in

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