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पलटी मार सरकार, हेमन्त सरकार : दीपक प्रकाश

रांची, 01 जून (हि. स.)। हेमन्त सरकार को पलटू मार सरकार की उपाधि देते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सह सांसद दीपक प्रकाश ने कहा कि हेमंत सरकार लगभग डेढ़ वर्ष के कार्यकाल में व चुनाव के पूर्व कई घोषणाएं की। ज्यादातर घोषणाओं में सरकार ने पलटी मारते हुए अपने फैसले को ही उलट दिया। उन्होंने मंगलवार को कहा कि हेमंत सरकार एक बार फिर अपनी घोषणाओं से पलटी मारने वाली सरकार साबित हुई। अभी हाल में ही 22 अप्रैल को राज्य के सभी लोगों के मुफ्त वैक्सीन लगवाने की घोषणा करने वाली सरकार आज अपने वादे से मुकर गयी है। इस सरकार ने जनता को फिर धोखा दिया। उन्होंने जैसे किसानों को, युवाओं को, महिलाओं को, संविदाकर्मियों को, पारा शिक्षकों को, धोखा दिया। वैसे ही आम जनता को वैक्सीन का धोखा दिया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार राज्य सरकारों को हर संभव सहायता कर रही है , लेकिन गैर भाजपा सरकारों की नियति बन गई है मोदी सरकार का विरोध करना। विरोध भी मुद्दों पर नही बल्कि असंसदीय और अलोकतांत्रिक तरीके से। केंद्र सरकार ने हेमन्त सरकार को 1885 वेंटीलेटर , 106000 रेमेडिसीवीर इंजेक्शन , 45,33,660 वैक्सीन व ऑक्सीजन सहित 200 करोड़ की सहायता राशि दी। पंचायतों के लिये पैसे दिए। डीवीसी के बकाये 714 करोड़ की राशि की वसूली कोरोना के कारण स्थगित की। राज्य के गरीबों के लिये दो महीने का मुफ्त अनाज दिया गया। राज्य के लगभग 14 लाख किसानों के खाते में 286 करोड़ की राशि भेजी गई। प्रत्येक जिले में ऑक्सीजन प्लांट, 15 वें वित्त आयोग से पंचायतों में लगभग 250 करोड़ की राशि मिली। किसानों को डीएपी खाद में 1200 रुपये की सब्सिडी दी। प्रकाश ने कहा कि झारखंड के पीएसयू , कोयला कंपनियों ने बड़े स्तर पर मेडिकल सहायता उपलब्ध कराई। राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट की अधिकांश योजनाएं केंद्रीय सहायता पर ही आश्रित है। लेकिन हेमंत सरकार अपनी विफलताओं को छुपाने के लिये विधवा विलाप करती रही है। उन्होंने कहा कि कहां तो ग्लोबल टेंडर के माध्यम से टीकों को खरीदने की बात कर रहे थे। बंगलादेश से टीका मंगवाने का नाटक करने वाले आज फिर से केंद्र से सहायता का रोना रोने लगे। आज राज्य सरकार अपने कुप्रबंधन के लिये विश्व विख्यात हो चुकी। वैक्सीन की बर्बादी के साथ साथ मलेरिया की करोड़ों की दवाइयां स्टोर में बर्बाद हो गई। डीएमएफ की राशि भी सरकार कोरोना में खर्च करने केलिये स्वतंत्र है। राज्य बजट में भी स्वास्थ्य सेवाओं के लिये बड़ी राशि पड़ी है। आखिर सरकार बताये तो कि राज्य फण्ड से उसने कोरोना में कितने खर्च किये। हिन्दुस्थान समाचार/कृष्ण

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