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लतरयुक्त एवं पौधायुक्त सब्जियों की अगेती खेती से होगा अत्यधिक मुनाफा: आयुक्त

मेदिनीनगर, 27 मई (हि.स)। लातेहार, पलामू व गढ़वा में पिछले कुछ दिन पूर्व भी बारिश हुई और अब चक्रवाती तूफान यास की असर से बारिश हो रही है। यह बारिश पलामू प्रमंडल के किसानों के लिए बरदान साबित होगी। बारिश से प्रमंडलक्षेत्र के किसानों को खरीफ फसलों, लतरयुक्त एवं पौधायुक्त सब्जियों की अगेती बुआई में फायदा होगा। यह बारिश धान के बिचड़े गिराने का भी अच्छा अवसर है। किसान भाई अपने खेतों में मक्का, अरहर, उरद, बराई, तील आदि दलहनी फसलों की अगेती बुआई कर सकते हैं। यह बातें आयुक्त जटाशंकर चौधरी ने गुरुवार को कही। आयुक्त ने कहा है कि फसलों की अगेती बुआई से किसानों को काफी फायदा होता है। जून में मानसून की प्रवेश की संभावनाओं को देखते हुए खरीफ की अगेती फसलों की बुआई के लिए यह उपयुक्त मौसम आ गया है। धान के बिचड़े गिराने का अच्छा अवसर है, ताकि समय पर धान की नर्सरी तैयार हो जाए। धान की नर्सरी लेई या बोदर दोनों कैटेगरी में तैयार की जा सकती है। दोनों कैटेगरी के लिए मौसम अनुकूल है। नर्सरी तैयार रहने पर मानसूनी बारिश होते ही उसे खेतों में रोपाई करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि पलामू प्रमंडल क्षेत्र में बारिश पर निर्भर रहने वाले एवं बारिश आधारित खेती करने वाले किसानों के लिए यह बारिश काफी फायदेमंद है। चक्रवाती तूफान यास से होने वाली बारिश अच्छा साबित होगा। आमतौर पर बारिश के इंतजार में फसलों की बुआई में देरी हो जाती है। जिन किसानों के उन्होंने कहा है कि बारिश थमने एवं खेतों की मिट्टी भुरभुरी होने की स्थिति में किसान भाई अपने खेतों की जुताई- कोड़ाई भी शुरू कर दें। उन्होंने मक्का एवं अरहर, उरद, बराई आदि दलहनी फसल लगाने का कार्य करने की सलाह दी है। आयुक्त ने कहा है कि मिट्टी के अनुरूप सब्जी की खेती से किसानों को फायदा मिलेगा। पलामू प्रमंडलक्षेत्र की भूमि सब्जियों की खेती के लिए भी काफी उपयुक्त है। उन्होंने कहा है कि आगामी मानसून की प्रवेश के मद्देनजर लतरयुक्त सब्जी की खेती जैसे- कद्दू, नेनूआ, करेला, कोहड़ा, परोरा व गईता, कुंदरी, बोदी, खीरा, सिम आदि की सब्जी लगाया जा सकता है। हिन्दुस्थान समाचार/संजय

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