deputy-development-commissioner-made-various-development-plans-in-pandra-village
deputy-development-commissioner-made-various-development-plans-in-pandra-village

उप विकास आयुक्त ने पंडरा गांव में विभिन्न विकास योजनाओं किया अवलोकन और उद्घाटन

रांची, 09 फरवरी (हि.स.)। बेड़ो प्रखंड में जामटोली पंचायत के पंडरा गांव में विभिन्न विकास योजनाओं का सकारात्मक परिणाम दिख रहा है। मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास योजना, जोहार परियोजना, खाद उपलब्धता, दीदी बाड़ी योजना सहित अन्य विकास योजनओं का यहां के ग्रामीणों को लाभ मिल रहा है। रांची के उपविकास आयुक्त अनन्य मित्तल ने मंगलवार को पंडरा गांव का भ्रमण कर विभिन्न विकास योजनाओं का अवलोकन और उद्घाटन किया। दीदी बाड़ी योजना का शुभारंभ मनरेगा के तहत पंडरा ग्राम में 28 दीदी बाड़ी योजना चल रहे हैं, इनमें उप विकास आयुक्त की ओर से मुनसेश्वरी देवी, शिबू गोप और सरस्वती देवी के दीदी बाड़ी योजना का उदघाटन किया गया। पंडरा ग्राम को रासायनिक खाद के प्रयोग से मुक्त करने के उद्देश्य से चार वर्मी कंपोस्ट पिट और दो नाडेप पिट योजना प्रारंभ किया गया है। इसका अवलोकन उप विकास आयुक्त ने किया । मनरेगा योजना के तहत 15 एकड़ में ट्रेंच कम बंड योजना पंडरा ग्राम में पूर्ण कर लिया गया है। इसका अवलोकन भी उप विकास आयुक्त ने किया । पंडरा ग्राम में उप विकास आयुक्त की ओर से लाल देव, मटन गोप, लक्ष्मी देवी, काली सिंह, मोहन गोप और तपेश्वर गोप के आवास का उद्घाटन किया गया। पंडरा ग्राम में कुल 59 आवास का निर्माण कार्य चल रहा है जिसमें 45 वर्ष पूर्ण हो चुका है। मशरुम उत्पादन दे रहा तिगुना फायदा पंडरा गांव में मशरुम उत्पादन से लोगों को काफी फायदा मिल रहा है। पंडरा ग्राम में जेएसएलपीएस की ओर से 16 महिलाओं को प्रशिक्षण देकर मशरुम की खेती प्रारंभ की गई है। जोहार परियोजना की ओर से पंडरा में पॉलीहाउस का निर्माण किया गया है। दौरे के क्रम में उप विकास आयुक्त की ओर से मनरेगा के मजदूरों जिन्होंने 15000 से 17000 की राशि की मजदूरी से कमाई की है ,उन्हें प्रोत्साहन करते हुए प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। इनमें काफी सिंह, विक्रम, बिरसा मुंडा और पूनम उरांव शामिल हैं। साथ ही मशरूम की खेती में प्रोत्साहित करने के लिए पूर्णिमा कुमारी, विभा कुमारी, ज्ञानी देवी को भी प्रशस्ति पत्र दिया गया। हिन्दुस्थान समाचार/ विकास-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in