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जमशेदपुर में स्वर्णरेखा और खरकई नदियों का फ्लड प्लेन जोनिंग करायेगा विभाग

रांची, 02 जून (हि. स.)। झारखंड सरकार का जल संसाधन विभाग जमशेदपुर में स्वर्णरेखा और खरकई नदियों का फ्लड प्लेन जोनिंग करायेगा। यह निर्णय बुधवार को जमशेदपुर पूर्व के विधायक सरयू राय और जल संसाधन विभाग के सचिव प्रशांत कुमार के बीच रांची में हुई बातचीत के दौरान हुआ। राय ने कहा कि यास तूफान के दौरान जमशेदपुर के रिहायशी इलाकों में कई स्थानों पर पानी घुस जाने के कारण कई घरों के निवासियों को काफी नुकसान हुआ। कतिपय स्थानों पर नदियों की तेज धारा के कारण कटाव की प्रवृति भी देखी गई। नदी का जलस्तर बढ़ने से नालों में पानी का उल्टा दबाव बढ़ता है और किनारे के घर डूब जाते हैं। राय ने सचिव को बताया कि मानगो पुल से आदित्यपुर टॉल ब्रिज के बीच नदी को भरकर सड़क बन जाने से नदी का मुहाना पतला हो गया है जिस कारण बाढ़ का पानी पसरने के बदले उपर उठ जाता है। दोनों किनारों पर दबाव बनाता है। मानगो पुल के नीचे बारीडीह-मोहरदा के बीच में नदी का प्रवाह वेग काफी तेज हो जाता है और तेज गति से पानी उपर उठता है जिससे नदी किनारे बने घरों पर दबाव बढ़ता है। विभागीय सचिव ने बताया कि स्वर्णरेखा नदी के जमशेदपुर की ओर के किनारे को सुदृढ़ करने और बाढ़ के पानी से होने वाले नुकसान को रोकने के लिये परामर्शी बहाल कर जमशेदपुर का फ्ल्ड प्लेन जोनिंग कराया जायेगा। राय ने सचिव को बताया कि चांडिल एवं खरकई के मुख्य अभियंताओं ने नदी किनारों को सुदृढ़ करने के लिये तकनीकी परामर्शदातृ समिति के विचारोपरांत एक योजना जल संसाधन विभाग को भेजा है जिसे केन्द्रीय जल आयोग को भेज देने से केन्द्र सरकार से इसके लिये वित्तीय सहायता मिल सकती है। सचिव ने बैठक दौरान ही चांडिल के मुख्य अभियंता, मुख्यालय मुख्य अभियंता एवं सीडीओ से बात कर सुनिश्चित किया कि सप्ताह-दस दिन में इसे भिजवा देंगे। सरयू राय ने सचिव को सुझाव दिया कि जिन शहरों से नदियाँ गुजरती हैं उन शहरों की रक्षा और शहरी आबादी से नदी की सुरक्षा के लिये एक अंतर्विभागीय समिति का गठन करने का प्रस्ताव सरकार को दें। इस समिति में विभाग और राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अधिकारी रहें व विकास आयुक्त इसके संयोजक बनाये जाय और यह समिति साल में दो बार बैठक कर शहरों और नदियों की सुरक्षा बारे में नीतिगत निर्णय ले, तो शहर भी बेहतर होंगे एवं नदियाँ भी संरक्षित रहेंगी। राय ने कहा कि नदी और नालों के किनारे बसने वाले परिवार कमजोर आर्थिक वर्ग के हैं। इनके लिये आवास की व्यवस्था नगर विकास विभाग से कराने पर समस्या दूर हो जायेंगी और इनका जीवन स्तर भी बेहतर होगा। हिन्दुस्थान समाचार/कृष्ण

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