कांग्रेस किसानों के समर्थन में करेगी आवाज को बुलंद
रांची, 07 जनवरी (हि. स.)। अखिल भारतीय कांग्रेस के निर्देशानुसार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रामेश्वर उरांव के नेतृत्व में पार्टी के सभी नेताओं- कार्यकर्त्ताओं की ओर से सोशल मीडिया पर आठ जनवरी को किसान के लिए बोले भारत नामक कार्यक्रम के माध्यम से आवाज बुलंद करने का काम किया जाएगा। कार्यक्रम में रामेश्वर उरांव, विधायक दल के नेता आलमगीर आलम, मंत्री बादल और बन्ना गुप्ता सहित सभी विधायकों, सांसदों, पूर्व विधायकों और पूर्व सांसदों तथा वरिष्ठ नेताओं-कार्यकर्त्ताओं की ओर से सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर वीडियो अपलोड कर किसानों के समर्थन में आवाज को बुलंद किया जाएगा। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोरनाथ शाहदेव और राजेश गुप्ता ने गुरुवार को बताया कि विगत 42 दिनों से किसान ठंड के इस मौके पर आंदोलनरत है। नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा लाये गये कृषि कानून का विरोध कर रहे है। इस दौरान 60 किसानों ने अपनी जान गंवाई है। केंद्रीय मंत्रिमंडल के अड़ियल रवैये के कारण किसानों और केंद्र सरकार के बीच सात दौर की वार्ता विफल रही है। वहीं केंद्र सरकार ने फिर दोहराया है कि वे इस कृषि कानून को भंग नहीं करेगी। इसके खिलाफ पार्टी ने किसान के लिए बोले भारत नामक कार्यक्रम के माध्यम से आठ जनवरी को आवाज बुलंद करने का निर्णय लिया है। इस कार्यक्रम का नारा है-भारत के लोग मांग करते है कि भाजपा सरकार किसान विरोधी तीनों कृषि कानूनों को रद्द करें। किसानों के आंदोलन को लेकर उच्चतम न्यायालय द्वारा भी चिंता जतायी गयी है। भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने अपने पूंजीपति मित्रों के लिए जिस तरह का कानून लायी है। वैसा कानून दुनिया भर में कहीं नहीं है। भाजपा नेता किसान आंदोलनकारियों को कभी देशद्रोही कहते हैं, तो कभी कहते हैं कि खालिस्तानी समर्थकों को कनाडा से फंडिंग हो रही है, तो कभी यह आरोप लगाती है, इस आंदोलन के पीछे कांग्रेस का हाथ है। प्रवक्ताओं ने कहा कि केंद्र सरकार इस तरह की अगर्नल बयानबाजी से बचे और कृषि क्षेत्र में एक बड़ी अनर्थ होने से बचाये। नये कृषि कानून से न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी नहीं होगी। वहीं देशभर की मंडिया समाप्त हो जाएगी। खेत-खलिहानों पर भी पूंजीपतियों का कब्जा हो जाएगा। हिन्दुस्थान समाचार/कृष्ण-hindusthansamachar.in