रांची, (हि.स.)। झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन मंगलवार को भाजपा के दो विधायक भानु प्रताप शाही और बिरंची नारायण को स्पीकर रबींद्र नाथ महतो ने पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया। साथ ही जेपी पटेल को सदन से बाहर निकाल दिया। इसके बाद भाजपा के सभी विधायक सदन से वॉक-आउट कर गये और धरने पर बैठ गये। भाजपा विधायक आज राज्यपाल से मिलेंगे और राज्य सरकार को बर्खास्त करने की मांग करेंगे।
हजार बार निलंबित होना के लिए तैयार
नेता प्रतिपक्ष अमर बावरी ने कहा कि विधायक कार्य स्थगन और कार्य सूचना मांग रहे थे। यदि सूचना पढ़ ही देते तो क्या हो जाता लेकिन ऐसा नहीं कर सरकार तानाशाही रवैया अपना रही है। हेमंत सरकार पूरी तरह से अलोकतांत्रिक है। उन्होंने कहा कि भाजपा विधायक अपना अधिकार मांग रहे थे और स्पीकर ने उन्हें बाहर कर दिया, जिसकी वजह से भाजपा ने सदन का बहिष्कार किया। नेता प्रतिपक्ष ने कहा, स्पीकर को विधायकों का निलंबन वापस लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि झारखंड के युवाओं के लिए आवाज उठाना अपराध है तो हम बार-बार यह अपराध करेंगे। भाजपा विधायक इन युवाओं के लिए हजार बार निलंबित होना के लिए तैयार हैं।
बीजेपी विधायक अपनी आवाज उठाते रहे हैं
इससे पहले भी बीजेपी विधायक झारखंड विधानसभा में अपनी आवाज उठाते रहे हैं, झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन शुक्रवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले राज्यसभा सदस्य धीरज साहू से संबंधित कंपनी के ठिकानों पर आयकर विभाग की छापेमारी का मामला गूंजा था। भाजपा विधायक पत्थर चोरी, कोयला चोरी, बालू चोरी या ट्रांसफर पोस्टिंग का भी मामला उठा रहे थे। इस दौरान भाजपा के विधायक लगातार सीबीआई जांच की मांग कर रहे थे। हंगामे के दौरान अनंत ओझा, बिरंची नारायण, नीरा यादव, राज सिन्हा, जयप्रकाश भाई पटेल, समरी लाल और ढुल्लू महतो मौजूद रहे। आजसू विधायक लंबोदर महतो भी सदन के बाहर धरने पर बैठे और बेरमो को जिला बनाने की मांग की थी।
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