कक्षा दसवी और बारहवीं के सभी विद्यार्थियों को पास किया जाए : आलोक दुबे
कक्षा दसवी और बारहवीं के सभी विद्यार्थियों को पास किया जाए : आलोक दुबे

कक्षा दसवी और बारहवीं के सभी विद्यार्थियों को पास किया जाए : आलोक दुबे

रांची, 19 जुलाई (हि. स.)। प्राईवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन (पासवा) के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष आलोक कुमार दूबे ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियल को रविवार को पत्र लिखकर निवेदन किया है कि कोविड19 कोरोना वैश्विक महामारी के वजह से सीबीएसई बोर्ड कम्पार्ट्मेंट परीक्षा को रद्द करते हुए कक्षा दसवी एवं बारहवीं के सभी विद्यार्थियों को पास किया जाए। दूबे ने कहा कि सीबीएसई बोर्ड के तहत संचालित झारखंड में करीब बीस हजार निजी स्कूलों में अध्ययनरत कक्षा एक से 9वी तक परीक्षाथियों के हित के लिए जिस प्रकार से भारत सरकार एवं मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने निर्णय लेकर इस सत्र में उन्हें उत्तीर्ण कर अगली कक्षा में भेजने का निर्णय लिया और 12वीं कक्षा के परीक्षार्थियों को भी बिना संपूर्ण विषय की परीक्षा दिए ही उनके परिणाम की घोषणा की गई। उसी प्रकार से अति कठिन परिश्रम कर 10वीं और 12वीं में अध्ययनरत एवं परीक्षार्थियों के परिणाम के संबंध में वर्तमान परिस्थितियों में कोविड-19 से उत्पन्न हुई परेशानियों को आपके संज्ञान में लाना चाहता हूं। दूबे ने कहा कि परीक्षार्थियों के परीक्षा के परिणामस्वरूप झारखंड के कई विद्यार्थियों का अंक प्रमाण पत्र संतोषजनक नहीं रहा। कोरोना संक्रमण काल में कई विद्यार्थी अनुत्तीर्ण हुए या एक या अन्य विषयों के लिए कंपार्टमेंट परीक्षा अनिवार्य हो गयी है। ऐसी स्थिति में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय से आग्रह है कि उन विद्यार्थियों का कोविड-19 के कारण परीक्षा होना संभव नहीं है। विद्यार्थी मानसिक तनाव में है और अब परीक्षा के परिणाम आने के फलस्वरुप विद्यार्थियों के साथ-साथ अभिभावक भी परेशान हो गए हैं । इसलिए कंपार्टमेंट परीक्षा न ली जाए और उन सभी विद्यार्थियों को इस सत्र में उनके प्रैक्टिकल परीक्षा के आधार पर उत्तीर्ण घोषित किया जाए। दूबे ने केंद्रीय मंत्री से आग्रह किया है कि देश हित में और झारखंड प्रदेश के हित में इस निवेदन पर अविलम्ब संज्ञान लेते हुए सम्पूर्ण देश में व झारखंड के 20 हजार निजी स्कूलों में संचालित सीबीएसई बोर्ड को एवं प्राईवेट स्कूलों को सूचित किया जाये, ताकि सभी बच्चे एवं उनके माता पिता राहत महसूस कर सकें। हिन्दुस्थान समाचार/कृष्ण/ विनय-hindusthansamachar.in

Raftaar | रफ्तार
raftaar.in