झारखंड में कोरोना से 30 डॉक्टरों की हुई मौत
रांची, 27 मई (हि.स.)। झारखंड में कोरोना से 30 डॉक्टरों की जान गई है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने कोविड से मृत 30 डॉक्टरों के नाम जारी किये हैं। सबसे ज्यादा जमशेदपुर में दस डॉक्टरों की जान गयी है जबकि रांची में सात डॉक्टरों की मृत्यु कोविड के चलते हुई है। वर्ष 2020 में कोविड ने झारखंड के 20 डॉक्टरों की जान ली थी। इस तरह अब तक कुल मिलाकर कोरोना ने राज्य में 50 डॉक्टरों की मौत हुई है। आईएमए का कहना है कि इनमें से किसी भी डॉक्टर को अब तक सरकार की घोषणा के अनुसार कोई सहायता राशि नहीं मिली है। कई डॉक्टरों के परिवार विषम स्थिति से जूझ रहे हैं, लेकिन सरकार ने अपनी घोषणा पूरी करने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया है। कोरोना से मरनेवाले डॉक्टरों में दो दर्जन तो ऐसे है, जो सरकारी हॉस्पिटल में काम करते थे। उन्हें भी आज तक सरकारी सहायता के नाम पर कोई राशि नहीं मिली है। आईएमए रांची के ज्वाइंट सेक्रेट्री सह पूर्व जेडीए अध्यक्ष डॉ अजीत कुमार ने गुरुवार को बताया कि कोरोना काल में डॉक्टर फ्रंट लाइन पर आकर काम कर रहे हैं। लेकिन आज तक कोरोना से मरने वाले डॉक्टरों मुआवजा तक नहीं मिला है। इस पर सरकार को गंभीरता से विचार करने की जरूरत है। अगर सरकार फ्रंटलाइन पर आ कर काम करने वाले डॉक्टरों और ध्यान नहीं देगी तो उनका मनोबल गिर जाएगा। मृत डॉक्टरों में धनबाद से डॉ गौतम पांडेय, डॉ शरदेंदू साहा, डॉ शोभा साहा, डॉ एके सिन्हा, दुमका से डॉ आरके सिंह, कोडरमा से डॉ संजीव कुमार झा, पलामू से डॉ विजय डुंगडुंग, डॉ अखिलेश कुमार सिन्हा, पलामू से डॉ कलानंद मिश्रा, पाकुड़ से डॉ मनोज गहलोत, जमशेदपुर से डॉ वीरेंद्र प्रसाद, डॉ दिलीप मांझी, डॉ डीएन सिंह, डॉ मिथिलेश कुमार, डॉ आरके राम, डॉ आरपी गुप्ता, डॉ जेवियर बाड़ा, डॉ यूएस सिंह, डॉ सुरेंद्र प्रसाद, डॉ उदय सिन्हा, डॉ विभा राय, रांची से डॉ मो सिराजुद्दीन, डॉ अनिल श्रीवास्तव, डॉ पीके सेनगुप्ता, डॉ जे मुंडू, डॉ बैजनाथ शरण, आरएन सिंह, गढ़वा से डॉ इंदेश्वर तिवारी, डॉ बिंदेश्वर रजक और देवघर से डॉ राजीव सिंह शामिल हैं। हिन्दुस्थान समाचार/ विकास