डाक्टरों की निजी प्रैक्टिस पर लगाया जाये प्रतिबंध: बालिंदर
डाक्टरों की निजी प्रैक्टिस पर लगाया जाये प्रतिबंध: बालिंदर

डाक्टरों की निजी प्रैक्टिस पर लगाया जाये प्रतिबंध: बालिंदर

जम्मू, 29 अक्टूबर (हि.स.)। सामाजिक कार्यकर्ता बलविंर सिंह ने गुरूवार को कहा कि डाक्टरों की निजी प्रैक्टिस पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने की मांग करते हुए कहा कि केवल इससे ही मरीजों की सही तरीके से देखभाल संभव हो पायेगी। उन्होंने अन्य सिविल सोसायटी के सदस्यों शरणजीत सिंह, महेश कोतवाल के साथ पत्रकारों से बातचीत करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि चिकित्सा संस्थानों को शिक्षाविदों और रोगी देखभाल के मानकों में सुधार के लिए खोला गया था। आधी सदी पहले एम्स (दिल्ली), पीजीआई (चंडीगढ़), और जेआईपीएमईआर पांडिचेरी जैसी संस्थाएं आईं। इन संस्थानों के संस्थापकों ने दृढ़ता से इन संस्थानों की नींव रखी और यह अभी भी भारत के संबंधित क्षेत्रों में शिक्षाविदों और उत्कृष्ट रोगी देखभाल के उच्चतम स्तर को बनाए रखते हुए अपना नाम रोशन किए हुए हैं। इन संस्थानों के अकादमिक और मेडिकेयर मानकों के पतन को रोकने के लिए संकाय के लिए निजी प्रैक्टिस की अनुमति नहीं देना मूल कारण है। जम्मू और श्रीनगर के मुख्य शहरों में मेडिकल कॉलेजों के मामले में ऐसा नहीं है और इनका स्तर लगातार नीचे जा रहा है जिसका प्रमुख कारण निजी प्रैक्टिस है। बलविंदर ने आगे कहा कि एक समय पर मेडिकल कॉलेजों में निजी प्रैक्टिस पर प्रतिबंध को प्रतिबंधित करने की बात की गई थी, लेकिन निजी प्रैक्टिस पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव अटक गया। उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल प्रशासन को इस मामले को गंभीरता से लेते हुए डाक्टरों की निजी प्रक्टिस पर पूर्ण प्रतिबंध लगाना चाहिए। हिन्दुस्थान समाचार/अमरीक/बलवान-hindusthansamachar.in

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