काॅलेज यूनिवर्सिटी में लगे कच्चे असिस्टेंट प्रोफैसर को पक्का किया जाए: प्रद्युमन सिंह
उधमपुर, 14 जनवरी (हि.स.)। समाज सेवक और शोध छात्र प्रद्युमन सिंह ने एक प्रैस विज्ञप्ति के जरिए कहा कि सरकार द्वारा पिछले काफी सालों से पढ़े-लिखे नौजवानों के साथ भद्दा मजाक किया जा रहा है। जो लोग पिछले काफी अर्से से एमफिल, पीएचडी करके काॅलेज यूनिवर्सिटी मे 8-10 वर्षों से अस्थाई तौर पर लगे हैं। उनके लिए सरकार कुछ भी नहीं सोच रही। पहले पिछली सरकारें उनके लिए एस.आर.ओ बनाने की बात करती थी। पर मोदी सरकार इनके लिए कुछ नहीं कर रही। सिंह ने कहा कि सरकार ने पिछले काफी वर्षों से कॉलेज और यूनिवर्सिटी में पढ़ा रहे सैैंकड़ों बच्चांे के साथ खिलवाड़ किया है। ना ही उनको पक्का किया और ना ही कोई भी असिस्टैंट प्रोफैसर की भर्ती निकाली। आज वह लोग पीएचडी नेट जेआरएफ करके घर में बेरोजगारों की तरह बैठे हैं। उन्होंने कहा कि आज छात्रों को पीएचडी करने के लिए काफी वर्ष लग जाते हैं। उसके बावजूद भी जब आप पढ़ाई पूरी करके आते हैं तो सरकार कॉलेज और यूनिवर्सिटी में वैकेंसी ना निकाल के उनके साथ एक और मजाक करती है। उन्होंने कहा कि सरकार कॉलेज और यूनिवर्सिटी खोलने में तो आगे है पर बच्चों को सही तरीके से पक्के शिक्षक ना देकर उनके जीवन के साथ भी खिलवाड़ कर रही है। प्रद्युमन सिंह ने कहा कि अगर नौजवानांे को इतनी पढ़ाई करने के बावजूद भी उनके लेवल की नौकरी ना मिले तो उनका पीएचडी करने का क्या फायदा है ? सिंह ने कहा कि पार्टियां जब इलेक्शन लड़ती है तब तो बहुत बड़े-बड़े वादे करती हैं पर चुनाव जीतने के बाद पढ़े-लिखे नौजवानों के लिए कुछ भी नहीं करती। सरकार जहां जम्मू-कश्मीर के नौजवानों को सिर्फ गुमराह कर रही है, वहीं दूसरी तरफ सिर्फ छोटे पदों पर भर्ती निकाल के उनके साथ एक और मजाक कर रही है। आज जहां बेरोजगारी दिन-व-दिन बढ़ती जा रही है, वहीं दूसरी ओर जहां पर भर्ती प्रक्रिया शुरू ना करके सरकार नौजवान बेरोजगारों से भी मजाक कर रही है। जो बच्चे कॉलेज में नौकरी को लेकर चिंतित है आज बह ओवरऐज हो रहे हैं। सिंह ने कहा की सरकार सात साल पूरे करने वाले लेक्चरर, असिस्टैंट प्रोफैसर को पक्का करे। हिन्दुस्थान समाचार/रमेश/बलवान -----------hindusthansamachar.in