स्थानीय लड़कों का आतंकवाद में शामिल होना सुरक्षाबलों के लिए चिंता का विषय- आईजीपी कश्मीर
श्रीनगर, 21 मई (हि.स.)। पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) कश्मीर विजय कुमार ने शुक्रवार को कहा कि आतंकवाद में शामिल होने वाले स्थानीय लड़के सुरक्षाबलों के लिए एक गंभीर चिंता का विषय हैं। स्थानीय आतंकवादियों की भर्ती को रोकने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि उठाए जा रहे कदमों को और अधिक कड़ा करने की आवश्यकता है। शुक्रवार को राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी दिवस के अवसर पर जिला पुलिस लाइन श्रीनगर में संवादाताओं से बात करते हुए आईजीपी कश्मीर ने कहा कि हमारा मकसद सिर्फ एक आतंकवादी को मारना नहीं है बल्कि आतंकवाद को खत्म करना और साथ ही कश्मीर के लोगों के लिए पर्यावरण को सुरक्षित करना है। आईजीपी ने कहा कि स्थानीय लोगों को आतंकवाद में शामिल होने से रोकने के लिए पहले ही कई कदम उठाए जा चुके हैं। हम केवल स्थानीय लड़कों को आत्मसमर्पण करने की अनुमति देने के लिए मुठभेड़ों में दो से तीन घंटे की देरी करते हैं। लड़कों को आतंकवाद से दूर रखने के लिए और अधिक मेहनत और प्रयासों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि ओजीडब्ल्यू के विशाल नेटवर्क का पहले ही भंडाफोड़ किया जा चुका है और साथियों का पता लगाया जा रहा है। आईजीपी ने कहा कि युवाओं को मुख्यधारा में लाने के लिए पुलिस द्वारा उठाये गये कई कदम मौजूदा कोविड-19 महामारी के मद्देनजर रुके हुए हैं। उन्होंने कहा कि हमने ऐसे उपाय किए थे जिनमें युवाओं को मुख्यधारा में लाने के लिए खेल गतिविधियों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और अन्य कार्यक्रमों को शामिल किया गया था। उन्होंने कहा कि कोविड-19 की लहर को कम होने दें, हम इन गतिविधियों को फिर से शुरू करेंगे। हिन्दुस्थान समाचार/बलवान