कविंद्र ने कारगिल विजय दिवस पर शहीदों को किया नमन
कविंद्र ने कारगिल विजय दिवस पर शहीदों को किया नमन

कविंद्र ने कारगिल विजय दिवस पर शहीदों को किया नमन

जम्मू, 26 जुलाई (हि.स.)। भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री कविंद्र गुप्ता ने 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान राष्ट्र के लिए अपनी शहादत देने वाले शहीदों को कारगिल विजय दिवस की 21वीं वर्षगांठ पर रविवार को भावभीनी श्रद्धांजलि दी। कविंद्र गुप्ता ने कहा कि जम्मू के एक ऐसे सैनिक, उदयमान सिंह ने केवल 19 साल की छोटी उम्र में कारगिल में दुश्मन को करारा जवाब देते हुए सर्वाेच्च बलिदान दिया और अपने गांव, माता-पिता और जम्मू के लोगों को गोर्वान्वित किया। उनके बलिदान ने युवा पीढिय़ों के लिए एक मिसाल कायम की है और उन्हें देश की रक्षा में योगदान देने और किसी भी बलिदान देने के लिए तैयार रहने के लिए प्रेरित किया है। कविंद्र ने कहा कि करोड़ों लोग पैदा होते हैं और मर जाते हैं जो समाज में कोई छाप नहीं छोड़ते हैं लेकिन उदयमान सिंह जैसे बहादुर सैनिक इतिहास लिखते हैं और शहादत हासिल करने के बाद हमेशा लोगों के दिल में रहते हैं। कविन्द्र ने कहा कि महान और धन्य हैं वे माताएँ, जो ऐसे योद्धाओं को जन्म देती हैं और मातृभूमि की सेवा में अपने प्रियजनों को न्यौशावर करने में गर्व महसूस करती हैं। कविंद्र ने कहा कि मैं उन शहीदों को नमन करता हूं जिन्होंने देश और देश की रक्षा के लिए इतनी बहादुरी से लड़ाई लड़ी। राष्ट्र उनके बलिदानों को हमेशा याद रखेगा। कविंद्र ने कहा कि जम्मू के बहादुर डोगरा संकट के समय में हमेशा फ्रंट फुट पर रहे हैं और जरूरत पडऩे पर अपनी वीरता प्रदर्शित की है। उन्होंने कहा कि उदयमान सिंह एक वास्तविक डोगरा नायक थे, जिनके बलिदान को शब्दों में नहीं बताया जा सकता है। गुप्ता ने अटल बिहारी वाजपेयी के स्वतंत्रता दिवस के भाषण पर जोर दिया, जिसे पीएम के मन की बात के 67वें संस्करण में दर्शाया गया, जिसमें उन्होंने कहा था कि कारगिल युद्ध ने हमें एक और मंत्र दिया है। यह मंत्र था कि कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय लेने से पहले हमें यह सोचना चाहिए कि क्या कार्रवाई उस सैनिक का सम्मान करेगी, जिन्होंने उन दुर्गम पहाड़ों में अपने जीवन का बलिदान दिया था। कविंद्र ने मन की बात में प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन का भी जिक्र किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि लोगों को यह नहीं भूलना चाहिए कि हमारे शब्दों और कार्यों से सैनिकों और उनके परिवारों के मनोबल पर गहरा असर पड़ता है। हिन्दुस्थान समाचार/अमरीक/बलवान-hindusthansamachar.in

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