नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने 12 दिसंबर को अपने बयान में कहा कि देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू अनुच्छेद 370 के लिए जिम्मेदार नहीं हैं। फारूक ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के केंद्र सरकार के फैसले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस फैसले को बरकरार रखने के आदेश पर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कई मुद्दों पर अपनी बात रखी। फारूक अब्दुल्ला ने अपना यह बयान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा संसद में कश्मीर समस्या के लिए भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को जिम्मेदार ठहराने के बाद जारी किया। उन्होंने कहा कि मै नही जानता हूँ कि अमित शाह के मन में नेहरू के लिए इतना जहर क्यों भरा हुआ है।
अनुच्छेद 370 के वक्त सरदार पटेल और श्यामा प्रसाद मुखर्जी थे
फारूक अब्दुल्ला ने जवाहर नेहरू को अनुच्छेद 370 से अलग करते हुए कहा है कि अनुच्छेद 370 के समय सरदार पटेल वहां थे। उन्होंने कहा जब कैबिनेट की बैठक हुई थी तब जवाहर नेहरू अमेरिका में थे। जिस वक्त कैबिनेट की बैठक में इस फैसले पर निर्णय लिया गया था, उस समय श्यामा प्रसाद मुखर्जी भी वहां उपस्थित थे। जब फारूक अब्दुल्ला से पूछा गया कि क्या अनुच्छेद 370 निरस्त करने से कश्मीर में विकास की शुरुआत हुई है. इस सवाल का जवाब देते हुए अब्दुल्ला ने कहा आप जाकर खुद देख लीजिये। हम चाहते है कि चुनाव हो। उन्होंने आगे कहा कि हमे आशा थी कि सुप्रीम कोर्ट अगर अनच्छेद हटाएगा तो उन्हें तुरंत चुनाव कराने के लिए कहा जायेगा। इसके लिए सितंबर 2024 तक का समय दिया गया, इसका क्या मतलब है?
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) पर सरकार को लेना है फैसला
जब अब्दुल्ला से पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर(POK) पर भारत के दावे के विषय में सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस पर निर्णय सरकार को लेना है। उन्होंने किसी को नहीं रोका है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के केंद्र सरकार के फैसले को बरकरार रखने का आदेश दिया है। यह केंद्र की मोदी सरकार के लिए बड़ी जीत मानी जा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू कश्मीर में सितंबर 2024 के अंत तक विधानसभा चुनाव कराने का आदेश देते हुए कहा की इसका राज्य का दर्जा जल्द से जल्द बहाल किया जाए।
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